



जयपुर। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती ‘सुशासन दिवस’ के अवसर पर गुरुवार को शासन सचिवालय में राज्य स्तरीय शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्व. वाजपेयी को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुशासन की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वास, संवाद और परिणाम—ये तीन स्तंभ सुशासन की आधारशिला हैं और इन्हीं मूल्यों पर राज्य सरकार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन और दर्शन हमें यह सिखाता है कि शासन और प्रशासन का अंतिम उद्देश्य जनसेवा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुशासन कोई एक दिवसीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया है, जिसका लक्ष्य योजनाओं की प्रभावी क्रियान्विति के माध्यम से अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना है। यह आयोजन पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित प्रशासन के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री शर्मा भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार में न तो अभाव होना चाहिए और न ही अनावश्यक दबाव। उन्होंने कहा कि स्पष्ट नियम, संवेदनशील अधिकारी और उत्तरदायी सरकार—इन्हीं से सुशासन संभव है। सुशासन वह व्यवस्था है, जिसमें जनता की जरूरतों को समझते हुए समयबद्ध और प्रभावी सेवाएं प्रदान की जाएं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि सुशासन तभी सार्थक है जब किसान, श्रमिक, महिला, युवा और वंचित वर्ग यह महसूस करें कि सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण और शहरी सेवा शिविरों के माध्यम से अब तक 1 करोड़ से अधिक नागरिकों को लाभ पहुंचाया गया है। वहीं, राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के तहत पिछले दो वर्षों में 3 करोड़ 23 लाख से अधिक आवेदनों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि ई-गवर्नेंस पारदर्शिता का सबसे प्रभावी माध्यम है। ई-पोर्टल, एसएसओ पोर्टल और मोबाइल आधारित सेवाओं से नागरिकों का समय, धन और ऊर्जा बची है और उन्हें सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे। उन्होंने कहा कि प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र लोकतांत्रिक शासन की आत्मा है। राजस्थान संपर्क पोर्टल, त्रिस्तरीय जनसुनवाई और मुख्यमंत्री जनसुनवाई के जरिए बीते दो वर्षों में 65 लाख से अधिक जन-शिकायतों का समयबद्ध समाधान किया गया है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों और कर्मचारियों से आह्वान किया कि तकनीक और संवेदनशीलता के माध्यम से राजस्थान को सुशासन के क्षेत्र में देश का सिरमौर बनाएं। उन्होंने कहा कि शासन सचिवालय केवल एक इमारत नहीं, बल्कि करोड़ों राजस्थानियों की आशा और विश्वास का केंद्र है। यहां से लिए गए निर्णयों से जनता को त्वरित और प्रभावी समाधान मिलना चाहिए। निष्ठा और समर्पण के साथ की गई सेवा ही विकसित राजस्थान–2047 की नींव रखेगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से बदल रहा है और जनकल्याणकारी योजनाओं में आमजन का विश्वास मजबूत हुआ है। मुख्यमंत्री शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर “नव उत्थान–नई पहचान, बढ़ता राजस्थान–हमारा राजस्थान” अभियान के तहत 200 विकास रथों के माध्यम से सुशासन का संदेश प्रदेशभर में पहुंचाया जा रहा है।
कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव, अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला, उपखंड और ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारी एवं कार्मिक भी कार्यक्रम से जुड़े। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री निवास पर भी स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।