



जयपुर। शहर के पहले सिग्नल-फ्री चौराहे बी-टू बाइपास के सौंदर्यीकरण का कार्य जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने शुरू कर दिया है। इस परियोजना के तहत अंडरपास में प्रवेश करते ही शहर की लोककला की झलक देखने को मिलेगी। मानसरोवर की ओर से अंडरपास में प्रवेश करने पर एक पुरुष और एक महिला की कठपुतली कलाकृतियां स्थापित की जा रही हैं, जबकि जवाहर सर्कल से मानसरोवर की ओर जाते समय अंडरपास के ठीक ऊपर करीब 15 फीट ऊंचा मोर आकर्षण का केंद्र बनेगा। जेडीए इन कलाकृतियों पर लगभग 80 लाख रुपए खर्च कर रहा है और अधिकारियों के अनुसार मार्च तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
जेडीए अधिकारियों ने बताया कि पहले इस चौराहे को ट्रैफिक-फ्री बनाने के दौरान दोनों ओर भव्य स्मारक द्वार बनाने की योजना थी। हालांकि, राज्य में सरकार बदलने के बाद मौजूदा भाजपा सरकार ने इसे फिजूलखर्ची बताते हुए इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया। उस समय इस योजना पर करीब 20 करोड़ रुपए खर्च होने थे, जिसे बाद में रोक दिया गया।
अधिकारियों के अनुसार, बी-टू बाइपास पर लगने वाली ये सभी कलाकृतियां वेस्ट मैटेरियल से तैयार की जा रही हैं। बेकार पड़े सरिए और लोहे का उपयोग कर ढांचा तैयार किया जा रहा है, जबकि ऊपरी सजावट के लिए ब्लू पॉटरी का इस्तेमाल होगा। अंडरपास की छत पर पहले से लगे लोहे के फ्रेम को ही इन कलाकृतियों को आकार देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे लागत भी नियंत्रित रहे।
हालांकि, जयपुर में पहले लगाए गए सौंदर्यीकरण कार्यों की स्थिति को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। मालवीय नगर ओवरब्रिज के पास लगाए गए मोर की कलाकृतियों के रंग समय के साथ फीके पड़ चुके हैं। वहीं, टोंक रोड स्थित रामबाग सर्कल और जेएलएन रोड पर लगाई गई कांस्य प्रतिमाओं में से कुछ चोरी हो चुकी हैं, जबकि शेष की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात करने पड़े हैं।
टोंक रोड पर एसएमएस स्टेडियम के पूर्वी द्वार पर स्थापित अर्जुन की प्रतिमा पर भी लाखों रुपए खर्च किए गए थे, लेकिन नियमित साफ-सफाई नहीं होने से अब यह प्रतिमा बदसूरत नजर आने लगी है। ऐसे में शहरवासियों का कहना है कि नई कलाकृतियां लगाने के साथ-साथ पुरानी कलाकृतियों के संरक्षण और रखरखाव पर भी जेडीए को बराबर ध्यान देना चाहिए।