Tuesday, 23 December 2025

अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन में उद्योगपति और जयपुर जिला सारस्वत समाज के अध्यक्ष जगन्नाथ शर्मा को समाज सेवा के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया सम्मानित


अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन में उद्योगपति और जयपुर जिला सारस्वत समाज के अध्यक्ष जगन्नाथ शर्मा को समाज सेवा के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया सम्मानित

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जयपुर। प्रमुख उद्योगपति और जयपुर जिला सारस्वत समाज के अध्यक्ष प्रख्यात समाजसेवी जगन्नाथ शर्मा को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन जोधपुर में उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सम्मानित किया। 

उल्लेखनीय है कि उद्योगपति जगन्नाथ शर्मा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। फर्श से अर्श तक पहुंचने का उनका जीवन-सफर उद्योग जगत में नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत माना जाता है। सीमित संसाधनों, औपचारिक शिक्षा के अभाव और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने अपनी कर्मठता, तकनीकी समझ और अदम्य इच्छाशक्ति के बल पर औद्योगिक क्षेत्र में एक विशाल साम्राज्य खड़ा किया, जो आज अविश्वसनीय लग सकता है।

जगन्नाथ शर्मा का जन्म वर्ष 1945 में पंजाब के पटियाला जिले की तहसील फतेहगढ़ साहिब के गांव दमहेड़ी में माता रामप्यारी और पिता पृथ्वीचंद के परिवार में हुआ। गांव में स्कूल न होने और आर्थिक तंगी के कारण उन्हें औपचारिक स्कूली शिक्षा का अवसर नहीं मिल सका। बचपन से ही तकनीकी कार्यों में रुचि रखने वाले शर्मा ने मात्र 14 वर्ष की आयु में गांव से लगभग 5 किलोमीटर दूर सिलाई मशीन की एक वर्कशॉप में काम करना शुरू कर दिया। लगभग 22 वर्ष की उम्र में उनका विवाह श्रीमती दर्शनदेवी से हुआ।

वर्ष 1969 में जयपुर में रोलिंग मिल लगाने की इच्छा उन्हें सेठ राधाबल्लभ जी की रोलिंग मिल तक ले आई। उनकी तकनीकी प्रतिभा से प्रभावित होकर उन्हें जयपुर बुलाया गया, जहां उन्होंने फोरमैन के रूप में कार्य करते हुए राजस्थान में पहली बार एंगल निर्माण कर दिखाया। उस दौर में रोलिंग मिलों में कोयले की अत्यधिक खपत से उद्योगपतियों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता था। शर्मा ने कोयले के पाउडर के उपयोग की अभिनव तकनीक विकसित की, जिससे लगभग 40 प्रतिशत तक ईंधन की बचत संभव हुई। इस फ्यूल सेविंग डिवाइस ने उन्हें देश-विदेश में ख्याति दिलाई और पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश तथा दक्षिण अफ्रीका तक रोलिंग मिल स्थापित करने के लिए आमंत्रण मिलने लगे।

उद्योग में निरंतर सफलता के साथ वर्ष 1983 में उन्होंने जयपुर के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में ‘पंजाब इंजीनियरिंग एंड फैब्रिकेटर्स’ की स्थापना की। इसके बाद 1983 से 2012 के बीच ‘पृथ्वी स्टील रोलिंग मिल्स’ के नाम से कुल छह रोलिंग मिलों की स्थापना की गई, जिनमें लगभग 1000 कर्मचारी कार्यरत हैं। आज पृथ्वी स्टील राजस्थान की शीर्ष स्टील उत्पादक कंपनियों में गिनी जाती है।

उनकी औद्योगिक दक्षता और ऊर्जा संरक्षण में योगदान के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें उद्योग पत्र अवॉर्ड (2000), माइक्रो स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (2008), राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (2009), उद्योग विभूषण अवॉर्ड (2010) और राजस्थान ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (2009, 2016, 2017) प्रमुख हैं। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने उनकी रोलिंग मिल को ऊर्जा संरक्षण तकनीक के लिए मॉडल यूनिट के रूप में स्वीकृति दी।

लगभग 80 वर्ष की आयु में भी जगन्नाथ शर्मा सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में अग्रणी हैं। वे सारस्वत ब्राह्मण समाज, जयपुर के अध्यक्ष रहते हुए समाज भवन के लिए निःशुल्क भूमि उपलब्ध करा चुके हैं। राजस्थान ब्राह्मण महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और राजस्थान सर्वब्राह्मण सभा के संरक्षक के रूप में भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया। इसके अलावा मंदिरों, गुरुद्वारों, शिक्षण संस्थानों, गरीब व मेधावी छात्रों और सामाजिक वैवाहिक सम्मेलनों में उनका निरंतर सहयोग रहता है। अपने जन्मस्थान दमहेड़ी (पटियाला) में गुरुद्वारे के लिए विशाल सत्संग हॉल का निर्माण भी उन्होंने करवाया।

उद्योग जगत में प्रतिष्ठा और समृद्धि के बावजूद जगन्नाथ शर्मा का व्यक्तित्व अत्यंत सरल, विनम्र और मिलनसार है। अहंकार से दूर उनका सौम्य स्वभाव पहली मुलाकात में ही लोगों को प्रभावित कर लेता है। उनका जीवन यह संदेश देता है कि परों से नहीं, बल्कि हौसलों से उड़ान भरी जाती है।

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