



मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन में कश्मीर के सारस्वत समाज की दयनीय स्थिति, समाज की एकता, युवाओं के सशक्तिकरण और भविष्य की दिशा को लेकर गंभीर मंथन हुआ। देशभर से आए संतों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों ने समाज को संगठित होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया।
कश्मीर के सारस्वत समाज के लिए एकजुट संघर्ष का आह्वान
काशीमठ के स्वामी श्रीमद् संयमिन्द्र तीर्थ स्वामी ने कहा कि कश्मीर में रहने वाले सारस्वत समाज की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। उनके दुख-दर्द को कम करने के लिए इसे केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन तक मजबूती से पहुंचाना जरूरी है। इसके लिए पूरे देश के सारस्वत समाज को एकजुट होकर संघर्ष का बिगुल बजाना होगा।
अखिल भारतीय सेवाओं में समाज की भागीदारी जरूरी
स्वामी संयमिन्द्र तीर्थ ने कहा कि राजनीति में हर पांच साल में चेहरे बदलते हैं, लेकिन यदि समाज का बच्चा आईएएस, आईपीएस और आईआरएस जैसी अखिल भारतीय सेवाओं में पहुंचता है, तो वह लंबे समय तक समाज और देश में बदलाव ला सकता है। इसके लिए समाज के भामाशाहों और सक्षम वर्ग को आगे आना होगा।
जोधपुर सम्मेलन समाज को नई दिशा देगा: सी.पी. जोशी
चित्तौड़गढ़ सांसद एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सी.पी. जोशी ने कहा कि सारस्वत समाज देशभर में फैला है, लेकिन उसे संगठित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जोधपुर का यह महासम्मेलन समाज को एक नई दिशा देने का काम करेगा और वे जयपुर व दिल्ली में समाज की आवाज बनकर कार्य करेंगे।

समाज की एकता से ही संभव है परिवर्तन
डूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत ने कहा कि समाज की एकता के बिना कोई बड़ा परिवर्तन संभव नहीं है। उन्होंने सभी से जागरूक होकर समाज हित में कार्य करने का आह्वान किया और हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
युवा, महिला और रोजगार सशक्तिकरण पर फोकस
महासम्मेलन के संयोजक एवं पूर्व महापौर घनश्याम ओझा ने बताया कि सम्मेलन के माध्यम से समाज के बच्चों को व्यापार और स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में ठोस पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि समापन अवसर पर घोषणा-पत्र जारी किया जाएगा, जिसमें नए प्रोजेक्ट्स और योजनाओं की घोषणा होगी। अगले तीन वर्षों में युवाओं और महिलाओं को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सनातन धर्म और समाज की जागृति पर जोर
विप्र समाज राष्ट्रीय संयोजक सुशील ओझा ने कहा कि देश के सर्वांगीण विकास और सनातन धर्म की रक्षा के लिए केवल सारस्वत समाज ही नहीं, बल्कि संपूर्ण ब्राह्मण समाज को संगठित होकर कार्य करना होगा। इसके लिए शहर और गांव स्तर पर इकाइयों को सक्रिय करना आवश्यक है।
गरिमामय उद्घाटन और आध्यात्मिक वातावरण
सम्मेलन का शुभारंभ कुलदेवी मंडपम में वैदिक मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर राजस्थान के विधि मंत्री जोगाराम पटेल, भीलवाड़ा महापौर राकेश पाठक, सैन्य विश्लेषक जनरल जी.डी. बख्शी, वरिष्ठ अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

सारस्वत ग्लोबल एक्सपो बना आकर्षण का केंद्र
सम्मेलन का प्रमुख आकर्षण ‘सारस्वत ग्लोबल एक्सपो’ रहा, जिसमें 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए। इनमें युवा उद्यमियों, महिला व्यवसायियों, शैक्षणिक संस्थानों और समाज की सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिली। यह एक्सपो नेटवर्किंग और व्यापार के नए अवसरों का मंच बना।
कश्मीरी पंडितों की पीड़ा ने किया भावुक
कश्मीरी पंडितों की समस्याओं पर आयोजित सत्रों में वक्ताओं ने पीड़ा और संघर्ष की अनछुई कहानियां साझा कीं, जिससे पूरा वातावरण भावुक हो गया। कुलदेवी मंडपम में समाज की 40 कुलदेवियों और आराध्य देवताओं के चित्रों ने परिसर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
एकता, जागृति और सशक्तिकरण का संदेश
महासचिव सुधीर सारस्वत और समन्वयक कैलाश सारस्वत सहित आयोजन समिति के सहयोग से यह महासम्मेलन समाज को एकजुट करने, जागरूक करने और भविष्य की मजबूत रूपरेखा तय करने का सशक्त मंच बनकर उभरा।
