



नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मनरेगा को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक है कि सरकार ने मनरेगा जैसी जनहितकारी योजना पर “बुलडोजर चला दिया है”। सोनिया गांधी ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार मनरेगा की जगह नया वीवी-जीआरएमजी बिल लेकर आई, जिसे लोकसभा और राज्यसभा से पारित करा लिया गया, जबकि विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया।
जनता को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि उन्हें आज भी याद है कि 20 साल पहले, जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब मनरेगा कानून संसद में आम राय से पारित हुआ था। यह एक क्रांतिकारी कदम था, जिसने करोड़ों ग्रामीण परिवारों को रोजगार का कानूनी अधिकार दिया। इससे पलायन रुका, ग्राम पंचायतों को मजबूती मिली और महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों को साकार करने की दिशा में ठोस पहल हुई।
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने मनरेगा को कमजोर करने की हर संभव कोशिश की। कोविड काल में जब यह योजना गरीबों के लिए संजीवनी साबित हुई, तब भी सरकार ने इसके महत्व को नहीं समझा। अब हाल में न केवल महात्मा गांधी का नाम हटाया गया, बल्कि बिना विचार-विमर्श, बिना सलाह और बिना विपक्ष को विश्वास में लिए मनरेगा का स्वरूप बदल दिया गया।
सोनिया गांधी ने कहा कि अब यह तय किया जाएगा कि किसे, कितना और कहां रोजगार मिलेगा—और यह फैसला जमीनी हकीकत से दूर दिल्ली में बैठकर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा कांग्रेस की नहीं, बल्कि देशहित और जनहित से जुड़ी योजना है। इसे कमजोर करना करोड़ों किसानों, श्रमिकों और भूमिहीन ग्रामीण गरीबों के हितों पर सीधा हमला है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस “काले कानून” के खिलाफ कांग्रेस पूरी ताकत से लड़ेगी। सोनिया गांधी ने कहा, “20 साल पहले अपने गरीब भाई-बहनों को रोजगार का अधिकार दिलाने के लिए मैं लड़ी थी, और आज भी उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हूं।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस के सभी नेता और लाखों कार्यकर्ता जनता के साथ खड़े हैं।
भाई और बहनों.. नमस्कार
— Congress (@INCIndia) December 20, 2025
मुझे आज भी याद है, 20 साल पहले डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे, तब संसद में मनरेगा कानून आम राय से पास किया गया था। यह ऐसा क्रांतिकारी कदम था, जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण परिवारों को मिला था। खासतौर पर वंचित, शोषित, गरीब और अतिगरीब लोगों के लिए… pic.twitter.com/mjH4CfYRVe