



दुर्गापुरा के शांतिनगर स्थित शांतेश्वर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित रामकथा में शनिवार को श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। अयोध्या के सुप्रसिद्ध कथावाचक डॉ. उमाशंकर दास महाराज ने श्रीरामचरित मानस के प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन करते हुए हनुमान चरित्र, लंका गमन, सीता माता की खोज, लंका दहन, राम-रावण युद्ध, रावणवध तथा प्रभु श्रीराम के अयोध्या लौटने और राजतिलक का सजीव चित्रण किया।
हनुमान जी द्वारा अशोक वाटिका में सीता माता को श्रीराम की मुद्रिका देने और लंका दहन के वर्णन पर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। वहीं श्रीराम के अयोध्या आगमन, भरत मिलन और गुरु वशिष्ठ द्वारा राजतिलक के प्रसंग पर पूरा पंडाल “जय श्रीराम” के जयकारों से गूंज उठा।
मुख्य संयोजक रवि शर्मा ने बताया कि रविवार को कथा के समापन पर हवन, पूर्णाहुति एवं प्रसादी का आयोजन होगा। कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।