



नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बीजेपी सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर उसकी कार्यशैली और वादा–पूर्ति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जयपुर आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए जूली ने दावा किया कि सरकार द्वारा किया गया “70% वादे पूरे” होने का ऐलान हवा-हवाई और झूठे आंकड़ों पर आधारित है। उन्होंने मुख्यमंत्री को खुली चुनौती देते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री समय और स्थान बता दें, मैं उनसे बहस के लिए तैयार हूं।”
नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि दो साल में ही राजस्थान पर 1.55 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लाद दिया गया है। हर राजस्थानी पर लगभग एक लाख रुपए का कर्ज बढ़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियाँ वित्तीय अनुशासन से दूर हैं और आने वाले समय में यह कर्ज और बढ़ने वाला है।
नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि दो बजटों में सरकार ने 1727 बजट घोषणाएँ कीं, लेकिन इनमें से केवल 754 घोषणाएँ ही पूरी हुईं। अभी भी 1256 घोषणाएँ लंबित हैं और 760 घोषणाओं पर तो काम ही शुरू नहीं किया गया है।
उनके अनुसार यह सरकार के वादों और वास्तविकता के बीच की गहरी खाई को दर्शाता है।
नेता प्रतिपक्ष जूली ने शिक्षा व्यवस्था पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों का नामांकन 1.67 करोड़ से घटकर 1.62 करोड़ रह गया है। यानी 5 लाख बच्चों का सरकारी स्कूलों से नाम कट गया, जो शिक्षा की गुणवत्ता और नीतियों पर बड़ा सवाल है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 4 लाख नौकरियों का वादा किया था, लेकिन दो साल में सिर्फ 95 हजार नौकरियाँ दी गईं, वह भी वे, जिनकी भर्ती प्रक्रिया कांग्रेस सरकार के समय शुरू हुई थी।
नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि सरकार दावा करती है कि 35 लाख करोड़ के एमओयू हुए और 8 लाख करोड़ जमीन पर उतारे गए। उन्होंने तंज कसा कि“सरकार खुद नहीं बता पाती कि 8 लाख करोड़ का निवेश कहां हुआ। विधानसभा में सवाल पूछते हैं तो जवाब नहीं मिलता, RTI में भी सूचना नहीं दी जाती।”
उन्होंने कहा कि 2025 तक हर घर में नल से जल देने तथा 25 लाख कनेक्शन देने का वादा झूठा निकला, क्योंकि अब तक सिर्फ 9 लाख कनेक्शन दिए गए।किसानों की आय दोगुनी करने का वादा भी अधूरा है। बाजरा एमएसपी पर खरीद का दावा भी जूली ने “झूठा” बताया।
उन्होंने कहा कि तबादला नीति आज तक नहीं बनी।यूनिफॉर्म के लिए 1200 रुपए देने का वादा किया, लेकिन एससी-एसटी को केवल 600 रुपए, और ओबीसी/सामान्य को कुछ नहीं।
पशु बीमा के नाम पर अधूरी योजना चलाई जा रही है। कांग्रेस सरकार में 80 लाख पशु पंजीकृत थे, जबकि वर्तमान सरकार ने सिर्फ 20 लाख पशुओं का बीमा किया।शिक्षा विभाग में एक लाख पद भरने का दावा भी अधूरा है, जबकि हजारों पद आज भी खाली हैं।
नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि गुजरात और हरियाणा की तरह पेट्रोल-डीजल सस्ता करने का वादा आज तक पूरा नहीं हुआ।नए संस्थान खोलने की घोषणा की गई थी, लेकिन सरकार ने केवल “नाम बदलने” का काम किया।किसानों की जमीन नीलामी रोकने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार दावों और प्रचार की सरकार बनकर रह गई है, जमीन पर काम नगण्य है और राजस्थान की अर्थव्यवस्था तथा शिक्षा–कृषि–युवा नीतियों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।