



जयपुर रविवार सुबह देशभक्ति और फिटनेस की भावना से सराबोर दिखाई दिया। सेना की ओर से आयोजित ‘जयपुर वेटरन्स ऑनर्स रन’ में धावकों का उत्साह देखने लायक था। सूरज निकलने से पहले ही रामनिवास बाग परिसर और जेएलएन मार्ग धावकों के कदमों से गूंज उठा। ठीक सुबह 6 बजे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 21 किलोमीटर हाफ मैराथन को फ्लैग ऑफ किया। इसके बाद वे अल्बर्ट हॉल पहुंचे और आयोजन की व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के साथ प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया।
21 किलोमीटर मैराथन में धर्मेंद्र पूनिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने दौड़ को 1 घंटा 3 मिनट 10 सेकंड में पूरा किया। धर्मेंद्र वर्तमान में भारतीय सेना में कार्यरत हैं और पुणे स्थित आर्मी इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण लेते हैं।
इस रन में 64 वर्ष के सेवानिवृत्त सूबेदार लादू सिंह ने भी हिस्सा लेकर सभी को प्रेरित किया। तीन महीने पहले सर्जरी होने के बावजूद उन्होंने केवल 24 मिनट में 5 किलोमीटर रन पूरी की। उनका कहना था कि सेना के सम्मान और अपने साथियों के हौसले के लिए वे इस आयोजन का हिस्सा बने।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि राजस्थान हमेशा अपने सैनिकों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। उन्होंने कहा— ‘‘देशवासी आज चैन की नींद सोते हैं तो इसका श्रेय उन जवानों को जाता है जो सीमाओं पर कठिन परिस्थितियों में तैनात रहते हैं। यह रन उनके सम्मान का प्रतीक है।’’
आयोजन को तीन श्रेणियों—21 किमी, 10 किमी और 5 किमी—में आयोजित किया गया। हाफ मैराथन सुबह 6 बजे, 10 किमी रन 7 बजे और 5 किमी रन 7:15 बजे शुरू हुई। 21 किमी के लिए 3 घंटे 15 मिनट और 10 किमी के लिए 1 घंटा 45 मिनट का कट–ऑफ समय रखा गया था। 5 किमी की दौड़ में कोई समय सीमा तय नहीं की गई।
रविवार सुबह JLN मार्ग पूरी तरह सुरक्षा घेरे में दिखा। सेना के जवान, स्वयंसेवक और सुरक्षाकर्मी मार्ग पर तैनात रहे। ट्रैफिक पुलिस ने दौड़ मार्ग को सुरक्षित रखने के लिए कई मार्गों को अस्थायी रूप से डायवर्ट किया। इससे सिंधी कैंप बस स्टैंड से निकलने वाली कई बसों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा गया। दिल्ली–आगरा रूट के भारी वाहनों को भी अन्य सड़कों से डायवर्ट करना पड़ा।
प्रतिभागियों का उत्साह और नागरिकों की भागीदारी यह संदेश दे रही थी कि यह मैराथन केवल खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि वर्दी में देश की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों के सम्मान का प्रतीकात्मक आयोजन है।