



राजस्थान ने लोकतांत्रिक ढांचे को अधिक आधुनिक, पारदर्शी और सहभागी बनाने और निर्वाचन प्रक्रियाओं को तकनीक के साथ जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। विशेष गहन पुनरीक्षण–2026 (SIR–2026) के तहत राज्य में मतदाता सूची का 100 प्रतिशत डिजिटाइजेशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस उपलब्धि के साथ राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है जिसने मतदाता सूची को पूरी तरह डिजिटल स्वरूप में परिवर्तित किया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने इसे “टीम राजस्थान की सामूहिक विजय” बताया। उन्होंने कहा कि गांवों से लेकर शहरों तक, बीएलओ, सहायक कार्मिकों, पर्यवेक्षकों, एईआरओ, ईआरओ, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों ने अद्वितीय समर्पण के साथ काम कर यह रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म कार्ययोजना, निरंतर मॉनिटरिंग और तकनीकी नवाचारों ने इस उपलब्धि को संभव बनाया है।
97% से अधिक मतदाता मैपिंग कार्य पूर्ण हो चुका है।
केवल 3% मतदाताओं को ही दावे-आपत्तियों के दौरान दस्तावेज प्रस्तुत करने हैं।
औसतन प्रति बूथ लगभग 30 मतदाताओं के दस्तावेज सत्यापन की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा कि उच्चस्तरीय मैपिंग से SIR प्रक्रिया बेहद सरल और पारदर्शी बनती है, साथ ही मतदाताओं को बार-बार दस्तावेज जमा कराने की परेशानी से राहत मिलती है।
मानवीय परिश्रम और तकनीक के संयोजन ने राजस्थान को एक राष्ट्रीय आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित कर दिया है।
ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन: 16 दिसंबर 2025
दावे एवं आपत्तियां: 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026
सुनवाई एवं निर्णय: 16 दिसंबर 2025 से 7 फरवरी 2026
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 14 फरवरी 2026
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने योग्य मतदाताओं से अपील की है कि वे ड्राफ्ट सूची में अपने विवरण की जांच कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक सशक्त बनाएं।