



राजस्थान सरकार बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत देने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की घोषणा के बाद घर बैठे मुफ्त दवा पहुंचाने की योजना इसी वर्ष सरकार के दो साल पूरे होने पर लागू की जा सकती है। पहले चरण में यह सुविधा राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) के तहत चार लाख से अधिक सरकारी पेंशनधारियों को दी जाएगी। प्रारंभिक फीडबैक सकारात्मक रहने पर दूसरे चरण में इसे 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों तक विस्तारित किया जाएगा। इसके मॉडल के लिए स्वास्थ्य विभाग तमिलनाडु की घर-घर राशन वितरण प्रणाली का अध्ययन कर रहा है। इस योजना पर तेजी से काम चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ के निर्देशन में RGHS और स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी कार्ययोजना को अंतिम रूप दे रही है।
स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सीईओ हरजी लाल अटल ने बताया कि पेंशनर्स को दवा की डोर-स्टेप डिलीवरी उपलब्ध कराने हेतु एक हाई-लेवल कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी में आईटी, अकाउंट्स और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं, जो पूरी प्रक्रिया का ढांचा तैयार कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगले एक सप्ताह में कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंप देगी, जिसके बाद दवा सप्लाई के लिए टेंडर जारी कर एक एजेंसी को चयनित किया जाएगा। यही एजेंसी पंजीकृत मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से पेंशनधारियों के घर-घर दवाएं पहुंचाएगी।
योजना के तहत दवा प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। पेंशनर्स RGHS पोर्टल या आगामी मोबाइल ऐप पर लॉगिन कर डोर-स्टेप डिलीवरी को सिलेक्ट कर सकेंगे। OPD में डॉक्टर द्वारा दी गई पर्ची को पोर्टल अथवा ऐप पर अपलोड करना होगा, जिसके बाद एजेंसी पंजीकृत मेडिकल स्टोर्स से दवा लेकर लाभार्थी के घर तक पहुंचाएगी। पेंशनर्स चाहें तो स्वयं मेडिकल स्टोर से दवा लेने का विकल्प भी चुन सकेंगे। इसके लिए पेंशनर का नाम, पता, पिन कोड और मोबाइल नंबर सहित सभी आवश्यक डेटा एजेंसी को उपलब्ध कराया जाएगा ताकि दवाएं समय पर पहुंचाई जा सकें।