Monday, 17 November 2025

सिम चालू न होने पर भी ₹ 1 लाख का बिल भेजने का मामला: 9 साल बाद उपभोक्ता आयोग का फैसला, BSNL को ब्याज सहित राशि लौटाने और जुर्माना भरने के आदेश


सिम चालू न होने पर भी ₹ 1 लाख का बिल भेजने का मामला: 9 साल बाद उपभोक्ता आयोग का फैसला, BSNL को ब्याज सहित राशि लौटाने और जुर्माना भरने के आदेश

पाली में 9 वर्ष पुराने उपभोक्ता विवाद में बड़ा निर्णय सामने आया है। उपभोक्ता आयोग ने उस मामले में फैसला सुनाया है, जिसमें BSNL ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और उस समय के उप मुख्य सचेतक मदन राठौड़ को एक सिम कार्ड चालू न होने के बावजूद ₹ 1,09,654 का भारी-भरकम बिल थमा दिया था।

आयोग ने BSNL को आदेश दिया है कि वह राठौड़ को ₹ 1,08,540 की राशि 9 जून 2018 से 6% वार्षिक ब्याज सहित वापस लौटाए। इसके साथ ही मानसिक क्षति और परिवाद व्यय के रूप में ₹ 30,000 देने और विभागीय लापरवाही के लिए महाप्रबंधक पर ₹ 50,000का जुर्माना लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

मामला वर्ष 2016 का है, जब मदन राठौड़ ने लंदन की राजनीतिक यात्रा पर जाने के लिए BSNL से इंटरनेशनल रोमिंग सुविधा वाला सिम कार्ड खरीदा था। लेकिन सिम कार्ड सक्रिय ही नहीं हुआ। इसके बावजूद BSNL ने उन्हें लाख रुपये से अधिक का बिल भेज दिया। राठौड़ ने जनवरी 2017 में बिल राशि जमा कर दी, लेकिन इसके बाद जून 2017 में अधिवक्ता मनीष ओझा के माध्यम से पाली जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दायर किया।

लंबी सुनवाई के बाद अब आयोग ने साफ कहा कि सिम चालू न होने के बावजूद BSNL का बिल भेजना गंभीर लापरवाही है। आयोग ने राठौड़ के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी को ब्याज सहित धनवापसी और क्षतिपूर्ति देने का आदेश जारी किया है। इस फैसले को उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण माना जा रहा है।

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