



कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि नगर निकाय और पंचायतीराज संस्थाओं के परिसीमन को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
सीकर में रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान डोटासरा ने आरोप लगाया कि सरकार को 31 दिसंबर तक परिसीमन का समय देने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि एक ओर कहा जा रहा है कि परिसीमन में सरकार की कोई दखलंदाजी नहीं, वहीं दूसरी ओर खुद ही समय बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया—"इनको परिसीमन के लिए समय क्यों दिया जा रहा है, जबकि गजट नोटिफिकेशन हो चुका है? इनके परिसीमन का काम 4 और 5 जून तक पूरा होना चाहिए था।"
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि पूर्व मुख्य सचिव सबके लिए “ताबीज” बन गए थे और अब नए मुख्य सचिव मंत्रियों की इच्छा के अनुसार विशेष सहायक (SA) नियुक्त करेंगे तो उनकी “पूछ बढ़ जाएगी।” उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार चाहे जितने दिन चुनाव टाल ले, लेकिन एक न एक दिन नगर निकाय और ग्राम पंचायतों के चुनाव करवाने ही पड़ेंगे। अंता उपचुनाव परिणाम का ज़िक्र करते हुए डोटासरा ने कहा कि जनता ने साफ संदेश दे दिया है कि “सरकार ने दो साल में कुछ नहीं किया।” उन्होंने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे तक चुनावी सभाओं में सरकार की कमियां गिना रही थीं और मुख्यमंत्री उनकी बातों को हंसते हुए नोट कर रहे थे।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर चुनाव टाल रही है और ब्यूरोक्रेसी के भरोसे चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नगर निकाय चुनाव हुए 5 साल से अधिक हो चुके हैं और कई पंचायतों के चुनाव भी काफी समय से लंबित हैं। यह स्थिति लोकतंत्र और संविधान की “हत्या” जैसा है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने वन स्टेट–वन इलेक्शन के दावे को भी झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि न कोई कानून है, न समिति, न बैठक—even चर्चा तक नहीं। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन सरकार ने उसे रोक दिया। उनका आरोप है कि सरकार जनप्रतिनिधियों को कमजोर करना चाहती है और केवल ब्यूरोक्रेसी से शासन चलाने का प्रयास कर रही है।
OBC आरक्षण पर भी सरकार को निशाने पर लेते हुए डोटासरा ने कहा कि कोर्ट के दबाव और कांग्रेस की मांग के बाद ही आयोग बनाया गया था, लेकिन उसे बजट और संसाधन तक नहीं दिए गए। आयोग का कार्यकाल तीन महीने का था, पर इसे अनिश्चित समय तक बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने याद दिलाया कि हाईकोर्ट ने सरकार को 6 महीने में चुनाव कराने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने डबल बेंच से स्टे ले लिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में स्टे लिया ही नहीं जा सकता। इसके बाद हाईकोर्ट का आदेश प्रभावी हो गया, पर सरकार ने उसका पालन नहीं किया। हाल ही में हाईकोर्ट ने दोबारा आदेश दिया है कि 15 अप्रैल तक पंचायत और निकाय चुनाव कराए जाएं, लेकिन सरकार फिर भी कार्रवाई नहीं कर रही। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने अंत में कहा कि कांग्रेस अब परिसीमन मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाएगी और सरकार की चुनाव टालने की नीति को न्यायालय में चुनौती देगी।