Monday, 24 November 2025

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आरोप:“बिहार चुनाव धनबल से हाईजैक, BJP–JDU और चुनाव आयोग ने मिलकर लोकतंत्र लूटा”, SIR और कैश फॉर वोट पर भी सवाल


पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आरोप:“बिहार चुनाव धनबल से हाईजैक, BJP–JDU और चुनाव आयोग ने मिलकर लोकतंत्र लूटा”, SIR और कैश फॉर वोट पर भी सवाल

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि बिहार चुनाव लोकतंत्र की सबसे बड़ी “लूट” है, जिसे धनबल, सत्ता के दुरुपयोग और चुनाव आयोग की चुप्पी के सहारे अंजाम दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा, जेडीयू और चुनाव आयोग ने मिलकर पूरे चुनाव को हाईजैक कर लिया, जिसके चलते INDIA गठबंधन को मजबूरन हार का सामना करना पड़ा।

पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने दावा किया कि बिहार में आचार संहिता लागू होने के बाद एक करोड़ से अधिक महिलाओं के खातों में 10–10 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए। उन्होंने इसे ‘कैश फॉर वोट’ यानी सार्वजनिक तौर पर वोट खरीदने का तरीका बताया और कहा कि चुनाव आयोग इस पर आंखें मूंदकर बैठा रहा। गहलोत ने कहा कि यह पूरी तरह गैरकानूनी है और यह “वोट चोरी का नया संस्करण” है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि SIR प्रक्रिया के माध्यम से चुनाव से ठीक पहले लाखों वैध मतदाताओं के नाम काटे गए। गहलोत ने कहा कि बिना राजनीतिक दलों को विश्वास में लिए SIR लागू किया गया, जबकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसके बावजूद 12 राज्यों में इसे लागू किया जाना चिंताजनक है। गहलोत ने कहा कि ऐसे कदमों ने चुनाव आयोग को भी NDA की जीत का सहभागी बना दिया।

पूर्व सीएम गहलोत ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी चुनाव से पहले महिलाओं को 7500-7500 रुपये बांटे गए थे। उन्होंने कहा कि बिहार में आचार संहिता से ठीक पहले नई योजना के माध्यम से महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए, जो चुनाव को प्रभावित करने का सीधा प्रयास था।

पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान का संदर्भ देते हुए कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को स्मार्टफोन देने की योजना पर रोक लगा दी गई थी, जबकि यह योजना 2022 के बजट भाषण में घोषित की गई थी और 30% महिलाएं पहले ही इसका लाभ ले चुकी थीं। इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन और अन्नपूर्णा योजना को रोक दिया गया। गहलोत ने कहा कि एक ओर राजस्थान में वैध योजनाओं को रोका गया, वहीं बिहार और महाराष्ट्र में चुनाव से ठीक पहले कैश ट्रांसफर योजनाएं शुरू कर वोटों को प्रभावित किया गया।

उन्होंने कहा कि बिहार में आया यह इकतरफा चुनाव परिणाम लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। गहलोत ने अपील की कि देशवासियों को अब लोकतंत्र बचाने के लिए संकल्प लेना होगा और चुनावी प्रक्रियाओं को निष्पक्ष बनाए रखने की दिशा में आवाज उठानी होगी।

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