



जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के हरमाड़ा में हुए भीषण सड़क हादसे के घायलों से मुलाकात की और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार हादसों के बाद तब ही मुआवजा देती है जब लोग धरना-प्रदर्शन करते हैं, जबकि जयपुर हादसे में 13 लोगों की जान जाने के बावजूद सरकार अब तक मुआवजा घोषित नहीं कर सकी है।
गहलोत मंगलवार को SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें घायलों की स्थिति और उपचार के बारे में जानकारी दी। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि जोधपुर और जैसलमेर हादसों के बाद मुआवजा दिया गया, लेकिन जयपुर हादसे के पीड़ितों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गहलोत ने कहा कि जोधपुर हो या जैसलमेर की बस दुर्घटना, लोग मॉर्च्युरी में धरना देते हैं तब जाकर सरकार दबाव में आती है। हरमाड़ा में अचानक गाड़ी आती है और 13 लोगों को कुचल देती है, फिर भी अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया। यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।” उन्होंने कहा कि हादसे में बिहार और गुजरात के लोग भी घायल हैं और सभी को उचित सहायता मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जयपुर और जोधपुर दोनों हाईकोर्ट ने हादसों पर संज्ञान लिया है। ये सरकार के लिए शर्म की बात है। स्पेशल कमेटी बनाकर कई विभागों की जांच होनी चाहिए।”
उन्होंने सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी खामियां होने की बात कही और कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि कहां कमियां हैं, कहां स्पीड ब्रेकर नहीं लगे हैं और ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम का सही उपयोग क्यों नहीं हो रहा।
गहलोत ने गुजरात निवासी मनोज गोविंद व्यास (38) से भी मुलाकात की। मनोज अपने साथियों के साथ खाटूश्यामजी दर्शन के लिए आए थे। हादसे में उनके दो दोस्तों की मौत हो गई और चार घायल हुए। मनोज ने बताया साहब, हादसे के बाद मुझसे मोबाइल और पर्स भी चोरी हो गया। मौके का फायदा उठाकर लोग चोरी कर गए।” मनोज के पैर और कमर में फ्रैक्चर है। उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब आगे का इलाज वे गुजरात में कराएंगे।
आज जयपुर के SMS अस्पताल में डंपर हादसे के घायलों से मुलाकात के बाद मीडिया से बात की। pic.twitter.com/UYd5peYRk9
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 5, 2025