



जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों का लाइसेंस रद्द किया जाए और ओवरस्पीडिंग के बार-बार चालान पर भी लाइसेंस निरस्त किया जाए। मुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट कहा कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन और लापरवाही के खिलाफ "ज़ीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित उच्च-स्तरीय बैठक में श्री शर्मा ने परिवहन, पुलिस और सार्वजनिक निर्माण विभाग को संयुक्त रूप से 4 नवम्बर से 15 दिन तक राज्यव्यापी सड़क सुरक्षा अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और जनहानि कम करने के लिए सभी विभाग तालमेल से सख्त कार्रवाई करें।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि हाईवे के पास अवैध अतिक्रमण तुरंत हटाए जाएं और राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर अवैध कटों को बंद किया जाए। जयपुर-कोटा, जयपुर-दिल्ली, जयपुर-अजमेर व जयपुर-भरतपुर मार्ग पर वाहन चालकों के लिए नए आराम स्थल विकसित करने के भी निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री शर्मा ने एनएचएआई अधिकारियों से कहा कि भारतमाला परियोजना और दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर के किनारे अवैध ढाबे, पार्किंग और अन्य निर्माणों को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि तय स्थानों के अलावा किसी भी स्थान पर वाहन रोकने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई हो। हाईवे पर इंटरसेप्टर तैनात किए जाएंगे ताकि गलत दिशा में चलने वाले और नियम तोड़ने वाले वाहनों पर निगरानी रखी जा सके।
उन्होंने ट्रक चालकों की नियमित आंखों की जांच, दुर्घटना में घायल लोगों को एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाने और कोहरे के मौसम में आवश्यक स्थानों पर रिफ्लेक्टर लगाने के निर्देश दिए। साथ ही, सड़क किनारे पेड़-झाड़ियों की सफाई, पैदल यात्री मार्गों से अवरोध हटाने और नो-एंट्री जोन में नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने को कहा।
मुख्यमंत्री शर्मा ने जिला कलेक्टर्स को फटकारते हुए कहा कि जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक नियमित रूप से नहीं लेने वालों से जवाब लिया जाएगा। गलत मेडिकल रिपोर्ट पर डॉक्टर के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। इसके अलावा, जो ट्रांसपोर्ट कंपनियां ड्राइवरों से ओवरटाइम ड्राइविंग करवाएंगी, उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा अभियान के दौरान नागरिकों को जागरूक किया जाए और सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाए।
बैठक में परिवहन, गृह, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, जेडीए, एनएचएआई सहित कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।