जयपुर। जयपुर में नकली नोटों का बड़ा खुलासा हुआ है। एसओजी की टीम ने नारायण विहार थाना क्षेत्र में छापा मारकर 43 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं। इस मामले में दो बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। सभी नोट ₹500 के मूल्य वर्ग के हैं।
एसओजी पिछले 15 दिनों से इस गिरोह की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। शुक्रवार शाम टीम को पुख्ता सूचना मिली कि एक फ्लैट में बड़ी मात्रा में नकली नोटों की खेप छिपाई गई है। टीम ने तुरंत नारायण विहार थाना पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई की और दोनों आरोपियों को मौके से डिटेन कर लिया।
एडीजी एसओजी वीके सिंह ने बताया कि त्योहारों के दौरान नकली नोटों का चलन बढ़ जाता है। इसी को देखते हुए एसओजी ने निगरानी बढ़ाई थी। जांच के दौरान पता चला कि जयपुर में नकली नोटों की एक बड़ी खेप पहुंची है। सूचना के आधार पर कार्रवाई कर 43 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए।
एसओजी अधिकारियों के अनुसार, बरामद 43 लाख में से 26 लाख रुपए नोटों की गड्डियों के रूप में थे, जबकि 18 लाख रुपए की नकली नोट शीट्स बरामद की गई हैं, जिनकी अभी तक कटिंग नहीं हुई थी। संभावना जताई जा रही है कि ये नोट शीट्स किसी बाहरी राज्य से जयपुर लाई गई थीं और यहां से इन्हें अन्य शहरों में बांटने की योजना थी।
जांच एजेंसी इस बात से हैरान है कि इस बार नकली नोटों पर वाटरमार्क और सिक्योरिटी थ्रेड जैसे फीचर भी मौजूद हैं। इससे यह गिरोह पहले की तुलना में अधिक तकनीकी रूप से सक्षम प्रतीत हो रहा है।इन नोटों की गुणवत्ता इतनी अधिक है कि सामान्य व्यक्ति के लिए असली और नकली में फर्क कर पाना मुश्किल है।
पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह 1 लाख रुपए असली के बदले 4 लाख रुपए नकली नोट दे रहा था। पुलिस को जानकारी मिली है कि बीकानेर का एक बदमाश इस रैकेट का मुख्य डीलर था। डिटेन किए गए आरोपियों से पूछताछ के बाद एसओजी और साउथ जिला पुलिस की टीमें अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही हैं।
नारायण विहार थाना पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है। एसओजी ने बरामद नोटों को फॉरेंसिक लैब भेज दिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें किस तकनीक से तैयार किया गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस नेटवर्क के तार किस राज्य या विदेशी गिरोह से जुड़े हैं।