Saturday, 18 October 2025

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी को ब्लैकमेल करने के आरोप में भोपाल से दो पत्रकार गिरफ्तार, खबरें हटाने के लिए मांगे थे ₹ 5 करोड़


उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी को ब्लैकमेल करने के आरोप में भोपाल से दो पत्रकार गिरफ्तार, खबरें हटाने के लिए मांगे थे ₹ 5 करोड़

जयपुर। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी को झूठी खबरें चलाकर ब्लैकमेल करने के आरोप में जयपुर पुलिस ने भोपाल से दो पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दोनों पत्रकारों ने अपने वेब पोर्टल और यूट्यूब चैनल पर उपमुख्यमंत्री से जुड़ी भ्रामक और तथ्यहीन खबरें चलाने के बाद उन्हें बदनाम करने की साजिश रची और खबरें हटाने तथा आगे ऐसी खबरें न चलाने के बदले ₹ 5 करोड़ की मांग की थी।

पुलिस ने बताया कि ये दोनों आरोपी ‘द सूत्र’ नाम से एक वेब पोर्टल और यूट्यूब चैनल चलाते हैं। इस मामले में कुल चार पत्रकारों के खिलाफ जयपुर साइबर थाने में मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों को अब जयपुर लाया जा रहा है, जहां उनसे पूछताछ की जाएगी।

कैसे हुआ खुलासा — झूठी खबरें और फिर फिरौती की मांग

पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि 28 सितंबर को नरेंद्र सिंह राठौड़, निवासी सिविल लाइंस, ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि ‘द सूत्र’ वेब पोर्टल और उसके यूट्यूब चैनल पर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के खिलाफ पिछले एक महीने से निराधार और भ्रामक खबरें चलाई जा रही थीं।इन खबरों में राजनीतिक छवि धूमिल करने की कोशिश की गई थी।

जब शिकायतकर्ता ने ‘द सूत्र’ के मुखिया आनंद पांडे और समन्वयक हरीश दिवेकर से संपर्क किया और खबरें हटाने की बात कही, तो दोनों ने ₹ 5 करोड़ की मांग की। उनका कहना था कि उन्हें “खबरें चलाने के लिए पहले से भारी रकम मिल चुकी है” और यदि पैसा नहीं दिया गया तो “दिया कुमारी की राजनीतिक छवि खत्म कर देंगे।”

राजस्थान में ‘द सूत्र’ का नेटवर्क और अन्य आरोपी

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि राजस्थान में ‘द सूत्र’ का संचालन जिनेश जैन कर रहे थे, जो आनंद पांडे और हरीश दिवेकर के निर्देश पर कार्य कर रहे थे। इसके अलावा रिपोर्ट में अप्रत्यक्ष रूप से अरविंद रावत पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया गया है। मामले की जांच करणी विहार थाना प्रभारी हवा सिंह यादव को सौंपी गई थी। अनुसंधान के बाद शुक्रवार को भोपाल से आनंद पांडे और हरीश दिवेकर को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को शनिवार सुबह तक जयपुर लाया जाएगा, जहां पूछताछ में अन्य आरोपियों की संलिप्तता के बारे में खुलासा होने की उम्मीद है।

ब्लैकमेलिंग के इस गिरोह का बड़ा नेटवर्क

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तियों के खिलाफ फर्जी खबरें प्रसारित कर उन्हें ब्लैकमेल करने का काम करता था। पुलिस ने आरोपियों के लैपटॉप, मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए हैं। साइबर सेल अब यह जांच कर रही है कि किन-किन नेताओं, अफसरों या कारोबारियों को इस गिरोह ने निशाना बनाया था।

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