Saturday, 18 October 2025

सात विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति: राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने जारी किए आदेश


सात विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति: राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने जारी किए आदेश

जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शनिवार को सात विश्वविद्यालयों में नए कुलपतियों की नियुक्ति के आदेश जारी किए।इन नियुक्तियों से कई विश्वविद्यालयों में लंबे समय से चल रही कार्यवाहक व्यवस्था समाप्त हो गई है। राज्यपाल बागडे ने यह नियुक्तियां चार्ज संभालने की तारीख से तीन साल या 70 वर्ष की आयु पूरी होने तक के लिए की हैं।

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर को 8 महीने बाद स्थायी वीसी मिला

सबसे अधिक चर्चा जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय,जोधपुर (JNVU) की नियुक्ति को लेकर रही।यहां प्रो. पवन कुमार शर्मा को नया कुलपति नियुक्त किया गया है।यह पद पिछले आठ महीनों से खाली था।
इस अवधि में MDS विश्वविद्यालय अजमेर के वीसी प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल को JNVU का अतिरिक्त कार्यभार दिया था। इससे पहले महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के वीसी डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक को अस्थायी रूप से यह चार्ज सौंपा था।

अन्य विश्वविद्यालयों में भी नई नियुक्तियां

राज्यपाल बागडेद्वारा जारी आदेशों के अनुसार डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर में प्रो. गोविंद सहाय शुक्ला को कुलपति नियुक्त किया है।राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा में प्रो. निमित रंजन चौधरी को वीसी बनाया गया है।कृषि विश्वविद्यालय, कोटा में डॉ. बिमला डूंकवाल को वीसी नियुक्त किया गया है।कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर में डॉ. वीरेंद्र सिंह जेतावत को कुलपति नियुक्त किया गया है।कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर में प्रो. पुष्पेंद्र सिंह चौहान को कुलपति बनाया गया है।महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर में डॉ. प्रताप सिंह को वीसी नियुक्त किया है।

उदयपुर कृषि विश्वविद्यालय में भी नया कुलपति

डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक का कार्यकाल 15 अक्टूबर 2025 को समाप्त हो गया था।उनके बाद अस्थायी रूप से कोटा ओपन यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. बी.एल. वर्मा को चार्ज दिया था।अब स्थायी तौर पर डॉ. प्रताप सिंह को नियुक्त किया गया है।

राज्य सरकार और शिक्षा विभाग में राहत

इन नियुक्तियों के साथ राज्य के उच्च शिक्षा विभाग को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि कई विश्वविद्यालयों में कार्यवाहक वीसी लंबे समय से पद संभाले हुए थे। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इन नियुक्तियों से प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों में तेजी आएगी और नए सत्र की नीतिगत तैयारियों में सुगमता होगी।

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