Tuesday, 07 October 2025

प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली का सरकार पर हमला: “कफ सिरप से मौतें सिस्टमेटिक मर्डर, ट्रॉमा सेंटर हादसे का आंकड़ा छिपा रही सरकार”


प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली का सरकार पर हमला: “कफ सिरप से मौतें सिस्टमेटिक मर्डर, ट्रॉमा सेंटर हादसे का आंकड़ा छिपा रही सरकार”

दिल्ली। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य की भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि एसएमएस अस्पताल ट्रॉमा सेंटर में हुई मौतों का वास्तविक आंकड़ा छिपाया जा रहा है। जूली ने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि “आईसीयू में 11 मरीज मौजूद थे। आठ की मौत हो चुकी है और बाकी जिन्दा मरीज कहां हैं, यह डॉक्टर तक नहीं बता पाए। सरकार मृतकों का आंकड़ा दबा रही है और धीरे-धीरे एक-एक कर मौतें घोषित कर रही है। यहां तक कि परिजनों को डेड बॉडी के लिए धरना देना पड़ा। मुख्यमंत्री अस्पताल पहुंचे तो परिजनों को पुलिस ने पीट-पीटकर भगा दिया ताकि सच्चाई सामने न आ सके।”

कफ सिरप मौतों को बताया सिस्टमेटिक हत्या

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कफ सिरप से बच्चों की मौतों को लेकर कहा कि यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि सिस्टमेटिक हत्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि कफ सिरप में DEG (डायथिलीन ग्लाइकोल) की मौजूदगी नकार कर सरकार जिम्मेदारी से बच रही है। राजस्थान और मध्य प्रदेश ने जांच में देरी की, जबकि तमिलनाडु सरकार ने अलर्ट मिलते ही 24 घंटे में प्रतिबंध लगा दिया।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि “कफ सिरप खरीद में बड़ा घोटाला हुआ है। ब्लैकलिस्टेड और बदनाम कंपनियों से दवा सप्लाई क्यों ली गई? सरकार बच्चों की जान का सौदा कर रही है। ऐसे मामलों में कमेटी बनाकर सिर्फ टालने की कोशिश की जाती है।”

स्वास्थ्य मंत्री पर तंज

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि जब कफ सिरप से बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री से सवाल पूछा गया तो वे प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए। सरकार की ओर से परिजनों पर दबाव डाला जा रहा है कि वे यह न कहें कि दवा सरकारी अस्पताल से खरीदी थी।

“पर्ची सरकार अब उड़न खटोला सरकार”

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री पिछले 40 दिनों से मोदी चालीसा पढ़ने में लगे हैं। अगर 15 दिन अस्पताल मेंटेनेंस पर ध्यान देते तो जानें बचाई जा सकती थीं। सरकार पर्ची सरकार से उड़न खटोला सरकार बन गई है। मुख्यमंत्री जनता के बीच जाने से ज्यादा दिल्ली दरबार में हाजिरी देने में व्यस्त हैं। अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं, इसलिए बच्चों की मौत, स्कूल हादसे और अस्पताल अग्निकांड जैसे मुद्दे हाशिए पर चले गए हैं।”

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