कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट रविवार को सेंट्रल जेल पहुंचे और NSUI के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ से मुलाकात की कोशिश की। पायलट ने कहा कि उन्होंने जेल प्रशासन को आवेदन देकर मुलाकात की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार और जेल प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। उन्होंने इस पूरे मामले को लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताते हुए सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए।
पायलट ने कहा कि विरोध करना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, लेकिन NSUI अध्यक्ष विनोद जाखड़ को लंबे समय से जेल में रखकर सरकार ने अन्याय किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस से जुड़े कुछ लोगों ने जाखड़ के साथ मारपीट की थी, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और कई गंभीर धाराएँ उन पर लगा दीं।
उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ ताकतें सरकार पर दबाव बना रही हैं, जिसके चलते विनोद जाखड़ को जेल में रखा गया है, जबकि मामला इतना गंभीर नहीं था कि उन्हें सेंट्रल जेल में भेजा जाता। पायलट ने इसे सरकार का दलित विरोधी रवैया बताते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
पायलट ने विश्वास जताया कि कल अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान न्याय मिलेगा और निर्दोष को राहत अवश्य मिलेगी।