जयपुर। राजस्थान में वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत नगर निगम और नगर पालिकाओं के चुनाव अब दिसंबर की बजाय जनवरी अंत या फरवरी 2026 में होंगे। राज्य सरकार ने अपने स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। स्वायत्त शासन विभाग ने प्रदेश के 309 शहरी निकायों के वार्ड गठन की अधिसूचनाएं जारी कर दी हैं। यानी हर शहर में कितने वार्ड होंगे और उनकी सीमाएं कहां तक होंगी, यह तय हो चुका है।
अब चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तीन अहम कार्य शेष हैं—
आरक्षण तय होना: ओबीसी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर वार्डों का आरक्षण तय होगा।
मतदाता सूची प्रकाशन: इसमें यह दर्ज होगा कि कितने वोटर जुड़े, कटे या शिफ्ट हुए।
महापौर/चेयरमैन की लॉटरी: आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद मेयर और चेयरमैन पद की लॉटरी निकाली जाएगी।
ये सभी कार्य दिसंबर तक पूरे करने का लक्ष्य है। इसके बाद चुनाव की अधिसूचना जारी होगी, जिसमें 35 दिन की प्रक्रिया जरूरी होती है।
पिछली सरकार के नियमों में बदलाव कर नए सिरे से परिसीमन किया गया है। अब सभी वार्डों की सीमाएं बदल चुकी हैं। लॉटरी निकलने के बाद यह स्पष्ट होगा कि किस निकाय में कौन-सा पद आरक्षित होगा। इससे दोनों बड़े दलों की रणनीति भी बदल जाएगी। मंत्री स्तर पर यह प्रक्रिया जनवरी से पहले पूरी कर ली जाएगी।
स्वायत्त शासन विभाग के अनुसार, ओबीसी आयोग की रिपोर्ट और राज्य निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची दिसंबर तक तैयार हो जाएगी। इसके बाद मंत्री स्तर से निकायों में आरक्षण की लॉटरी निकाली जाएगी। लॉटरी और आरक्षण तय होने के बाद सरकार निर्वाचन आयोग को पत्र भेजेगी, जिसमें चुनाव तिथि घोषित करने का अनुरोध किया जाएगा।
यूडीएच राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि सरकार पूरी तरह तैयार है। चुनाव समयबद्ध तरीके से होंगे। हालांकि पहले योजना थी कि नवंबर-दिसंबर में चुनाव हो जाएं, लेकिन अब यह जनवरी अंत या फरवरी में संभव होंगे।