Friday, 19 September 2025

पुजारियों का खाटूश्यामजी में द्वितीय प्रांतीय महासंगम: 13 सूत्रीय मांगों को लेकर चर्चा, सरकार को भेजेंगे ज्ञापन, कोई कार्रवाई नहीं होने पर करेंगे आंदोलन


पुजारियों का खाटूश्यामजी में  द्वितीय प्रांतीय महासंगम: 13 सूत्रीय मांगों को लेकर चर्चा, सरकार को भेजेंगे ज्ञापन, कोई कार्रवाई नहीं होने पर करेंगे आंदोलन

खाटूश्यामजी । सीकर जिले के खाटूश्यामजी स्थित जयपुर वालों की धर्मशाला में शुक्रवार को आयोजित पुजारी सेवक महासंघ के द्वितीय प्रांतीय महाधिवेशन में राजस्थान सहित देशभर से आए एक हजार से अधिक पुजारियों ने हिस्सा लिया। महाधिवेशन में पुजारियों ने अपनी 13 सूत्रीय मांगें सरकार के सामने रखीं और साफ चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर अमल नहीं हुआ तो वे आंदोलन की राह अपनाएंगे।

सनातनी सरकार पर उपेक्षा का आरोप

अखिल भारतीय पुजारी महासंघ उज्जैन के अध्यक्ष महेश पुजारी ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि आज जब सत्ता में तथाकथित सनातनी सरकार है, वही पुजारियों और मंदिरों की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पुजारियों की जमीन छीनने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछली गैर-सनातनी सरकारों ने भी पुजारियों को इतना परेशान नहीं किया।

13 सूत्रीय मांगें: 

महाधिवेशन में पुजारी सेवक महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने 13 सूत्रीय मांगें रखीं, जिनमें मुख्य रूप से :

  • भूमिहीन मंदिरों के सेवायत पुजारियों को 30,000 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि।

  • राजस्थान सेवायत पुजारी कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन और कार्यों को गति।

  • पुजारियों को हर माह 10,000 रुपए भोग राशि।

  • पुजारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और अन्य कृषि योजनाओं का लाभ।

  • सेवायत पुजारी प्रोटेक्शन बिल लागू करना।

  • देवस्थान विभाग की सूची में दर्ज 48,466 ग्रामीण मंदिरों के पट्टे वंशानुगत पुजारियों को जारी करना।

  • अराजकीय मंदिरों को नि:शुल्क बिजली और पानी की सुविधा।

  • फार्मर रजिस्ट्री में सुधार कर मंदिर माफी भूमि को शामिल करना।

  • मंदिर संपत्ति विवादों के निपटान के लिए विशेष मंदिर ट्रिब्यूनल का गठन।

महासंघ के माध्यम से पुजारी समाज की समस्याओं का समाधान नहीं तो होगा आंदोलन: कार्यक्रम संयोजक और खाटू श्याम मंदिर के महंत मोहनदास चौहान ने कहा कि महासंघ के माध्यम से पुजारी समाज अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचा रहा है। यदि सरकार ने इन्हें हल नहीं किया तो पुजारियों को मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ेगा।

प्रमुख संत और पुजारियों की मौजूदगी: महाधिवेशन में श्रीजी मंदिर किशनगढ़ के जुगल किशोर, पलसाना के महंत मनोहर शरण शास्त्री, रतनलाल शर्मा, राजेश इंदोरिया, गिर्राज माटोलिया, अशोक मिश्रा, बंशीधर शर्मा समेत कई प्रमुख पुजारी शामिल हुए।

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