Tuesday, 16 September 2025

नागौर में पद्मश्री जैन आचार्य नित्यानंद सूरीश्वर का भव्य अभिनंदन, राजस्थान,पंजाब और बिहार के राज्यपाल रहे शामिल


नागौर में पद्मश्री जैन आचार्य नित्यानंद सूरीश्वर का भव्य अभिनंदन, राजस्थान,पंजाब और बिहार के राज्यपाल रहे शामिल

नागौर। जैन समाज के आचार्य नित्यानंद सूरीश्वर को पद्मश्री सम्मान मिलने के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय समारोह का समापन मंगलवार को हुआ। अंतिम दिन आयोजित अभिनंदन समारोह एवं क्षमापना संक्रांति महोत्सव में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया और बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संयुक्त रूप से आचार्य को अभिनंदन पत्र भेंट किया।

गौरतलब है कि भारत सरकार ने इस वर्ष जनवरी माह में आचार्य नित्यानंद सूरीश्वर को पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा की थी।

समारोह को संबोधित करते हुए आचार्य नित्यानंद सूरीश्वर ने कहा कि यह सम्मान व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरे संत समाज का है। यह उस परंपरा की प्रतिष्ठा है, जिसे उन्होंने अपनाया। उन्होंने कहा कि "साधु का जीवन समाज को सही दिशा देने के लिए होता है। यह सम्मान मुझे जीवनभर यह संकल्प याद दिलाएगा कि मैं मानव कल्याण और जनहित के लिए कार्य करता रहूं।"
उन्होंने सांसदों और विधायकों से भी आग्रह किया कि वे निष्काम भाव से कार्य करें, ताकि जनता सुखी रह सके।

बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इसे अपना सौभाग्य बताते हुए कहा कि भारतीय समाज ने संतों से हमेशा प्रेरणा ली है। सेवा और त्याग हमारे आदर्श हैं और जैनाचार्य इन दोनों गुणों का संगम हैं। उन्होंने कहा कि जैन दर्शन का "जीयो और जीने दो" का संदेश समाज को एक-दूसरे के प्रति स्वीकार्यता सिखाता है।

पंजाब के राज्यपालगुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जैनाचार्य ने 9 वर्ष की उम्र में दीक्षा ग्रहण कर एक कठिन मार्ग अपनाया। साधना और तप से अपने जीवन को निखारते हुए उन्होंने आत्मकल्याण के साथ मानव कल्याण के लिए भी उल्लेखनीय योगदान दिया।

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि जैन धर्म आचरण शुद्धि से जुड़ा हुआ है। क्षमापना पर्व आत्ममंथन और आत्मज्ञान का पर्व है। उन्होंने कहा कि "शब्द हमारी संपत्ति हैं, इन्हें सोच-समझकर उपयोग करना चाहिए ताकि व्यर्थ न जाए।"

समारोह में बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग, संत-आचार्य और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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