Friday, 22 August 2025

ओबीसी वार्डों का नया निर्धारण:ओबीसी आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, रिपोर्ट तैयार करने में लगेंगे तीन महीने


ओबीसी वार्डों का नया निर्धारण:ओबीसी आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, रिपोर्ट तैयार करने में लगेंगे तीन महीने

जयपुर। राजस्थान की पंचायतीराज संस्थाओं और शहरी निकायों में इस बार ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के वार्डों का आरक्षण नए सिरे से तय किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना में गठित राज्य ओबीसी आयोग ने स्पष्ट किया है कि किस निकाय और पंचायत में कितने वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित होंगे, इसकी रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा।

ओबीसी आयोग ने इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया जारी है और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत अनिवार्य प्रक्रिया: सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि ओबीसी वार्डों का निर्धारण वैज्ञानिक अध्ययन और विस्तृत सर्वे के आधार पर होना चाहिए। इसके बिना निकाय और पंचायत चुनाव नहीं कराए जा सकते। यही कारण है कि राज्य सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन किया है ताकि राजनीतिक प्रतिनिधित्व का न्यायसंगत बंटवारा सुनिश्चित हो सके।

सर्वे और अध्ययन के आधार पर बनेगी रिपोर्ट: आयोग के सचिव ने पत्र में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आयोग को स्थानीय निकायों में ओबीसी के पिछड़ेपन की प्रकृति और उसके निहितार्थों का गहन अध्ययन करना है। इसके लिए:

  • ओबीसी परिवारों का सर्वे करवाया जा रहा है।

  • संस्थाओं, राजनीतिक दलों और रिसर्च स्कॉलर्स से चर्चा की जा रही है।

  • पंचायतों और निकायों की प्रत्येक यूनिट के आंकड़े इकट्ठे किए जा रहे हैं।

चिट्ठी के अनुसार, इन सभी आंकड़ों और चर्चाओं के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने में तीन महीने का समय लगेगा


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