जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड की जमीनों पर बसे अवैध कॉलोनियों के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार को आदेश दिया है कि सांगानेर की 87 कॉलोनियों से आठ सप्ताह में कब्जे हटाए जाएं और इस संबंध में पालना रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जाए। अदालत ने स्पष्ट कहा कि सरकारी जमीनों के अवैध कब्जों को किसी भी हाल में नियमित नहीं किया जा सकता।अधिवक्ताओं ने बताया कि राजस्थान सरकार ने 12 मार्च 2025 को आदेश जारी कर सांगानेर की उन सभी कॉलोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया था, जिन जमीनों का हाउसिंग बोर्ड ने पहले ही अधिग्रहण कर भुगतान कर दिया था। बावजूद इसके, उन जमीनों पर भूमाफिया की मिलीभगत से अवैध कॉलोनियां बसा दी गईं।
पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की जनहित याचिका पर सुनवाई: यह आदेश हाईकोर्ट की खंडपीठ न्यायमूर्ति एस.पी. शर्मा और न्यायमूर्ति संजीत पुरोहित ने पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी, अभिनव भंडारी, डॉ. टी.एन. शर्मा, राकेश चंदेल, प्रतिभा बारेसा और भूपेंद्र सिंह राव ने पक्ष रखा।
अदालत की सख्त टिप्पणी: हाई कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि “सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे को कैसे नियमित किया जा सकता है? अवैध कब्जे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।” खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिया कि आठ सप्ताह के भीतर सभी अवैध कब्जे हटाकर कोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाए।