Thursday, 21 August 2025

राजस्थान में जल्द घोषित होगा पंचायत चुनाव कार्यक्रम, राज्य निर्वाचन आयुक्त ने दिया बड़ा बयान


राजस्थान में जल्द घोषित होगा पंचायत चुनाव कार्यक्रम, राज्य निर्वाचन आयुक्त ने दिया बड़ा बयान

राजस्थान में पंचायतीराज चुनाव को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद पर अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग अगले 1-2 दिनों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने सोमवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद आयोग पूरी तरह सक्रिय हो गया है और अब जल्द चुनाव कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट का आदेश आयोग को आज प्राप्त हुआ है। आदेशों की पालना करते हुए जल्द ही चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। गौरतलब है कि हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस अनूप ढंड की अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि परिसीमन के नाम पर पंचायतीराज चुनावों को अनिश्चितकाल तक टालना संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है।

हाईकोर्ट की सख्ती और संवैधानिक प्रावधान: अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 243E और राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम की धारा 17 का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि चुनाव में देरी से स्थानीय शासन में रिक्तता उत्पन्न होती है, जिसका सीधा असर सेवाओं की प्रदायगी पर पड़ता है।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यदि सरकार समय पर चुनाव नहीं कराती है, तो राज्य निर्वाचन आयोग का दायित्व है कि वह हस्तक्षेप कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करे। अदालत ने बिना उचित प्रक्रिया के निलंबित किए गए पंचायत प्रशासकों को बहाल करने का भी आदेश दिया।

वन नेशन वन इलेक्शन पर आयोग का रुख: राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि फिलहाल यह संभव नहीं है। इसके लिए संवैधानिक संशोधन आवश्यक है। जब तक ऐसा संशोधन नहीं होता, तब तक आयोग केवल हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुरूप ही कार्य करेगा।

पांच साल में चुनाव अनिवार्य: हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव हर पांच साल में कराना अनिवार्य है। केवल विशेष परिस्थितियों में इन्हें अधिकतम छह महीने तक टाला जा सकता है। सरकार को परिसीमन प्रक्रिया समय पर पूरी कर संवैधानिक प्रावधानों का पालन करना होगा।

राजस्थान की 6,759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जनवरी 2025 में समाप्त हो चुका था। इसके बाद सरकार ने पूर्व सरपंचों को प्रशासक के रूप में नियुक्त कर दिया था। हालांकि, बाद में भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों के चलते कई प्रशासकों को हटा दिया गया।

अब नजर चुनावी तारीखों पर: राज्य निर्वाचन आयोग ने संकेत दे दिया है कि अब देरी की कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में प्रदेश में पंचायतीराज और निकाय चुनावों की तारीखों की घोषणा अगले 1-2 दिनों में की जा सकती है।

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