जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की बजट घोषणाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश के हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच हो और इसी दृष्टिकोण से बजट 2024-25 और 2025-26 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 8.26 प्रतिशत राशि निर्धारित की गई है।
समयबद्ध क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग पर जोर : मुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नवीन चिकित्सालयों के निर्माण की समयसीमा तय की जाए और उनकी नियमित मॉनिटरिंग हो। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के आधार पर स्थानों का चयन कर वहां स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जाएं। सभी निर्माण कार्यों की समयबद्ध पूर्णता और नियमित प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य की जाएगी।
आभा आईडी में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर: मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ एवं समृद्ध भारत के संकल्प को मजबूत करने की दिशा में राजस्थान अग्रसर है।” उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 6 करोड़ 20 लाख से अधिक आभा आईडी बनाए जा चुके हैं, जिससे राजस्थान इस मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। साथ ही, 1 करोड़ 68 लाख से अधिक आभा लिंक्ड ई-हेल्थ रिकॉर्ड भी तैयार किए जा चुके हैं।
आरयूएचएस को रिम्स के रूप में विकसित किया जा रहा: मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राज्य में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS) को अपग्रेड कर राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस पर चरणबद्ध तरीके से 750 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को डिजाइनिंग और प्लानिंग कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए।
आरजीएचएस योजना में पारदर्शिता अनिवार्य: राज्य सरकार ने आरजीएचएस योजना (सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए) को स्वास्थ्य विभाग के अधीन कर दिया है। मुख्यमंत्री शर्मा ने निर्देश दिए कि योजना का दुरुपयोग करने वालों पर कठोर कार्रवाई हो और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फ्रॉड डिटेक्शन सॉफ्टवेयर जैसी तकनीक का उपयोग किया जाए।
बुजुर्गों को घर पर दवा पहुंचाने की योजना: मुख्यमंत्री शर्मा ने घोषणा की कि 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को घर पर दवा उपलब्ध कराने की योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक जिले से शुरू किया जाए और बाद में पूरे प्रदेश में लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि बड़े अस्पतालों पर मरीजों का भार कम करने के लिए छोटे सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ किया जाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में निरंतर भर्ती और सुधार: मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए निरंतर भर्ती की जा रही है। हाल ही में 1699 चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले पदों का पूरा विवरण तैयार किया जाए ताकि समय पर भर्ती कर रिक्तियां भरी जा सकें। उन्होंने अस्पतालों की मरम्मत, रखरखाव और दवाओं की उपलब्धता पर भी विशेष जोर दिया। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा स्वास्थ्य शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।