राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग और संस्कृत शिक्षा विभाग में केवल भारत में निर्मित (मेड इन इंडिया) सामान की ही खरीद की जाएगी। विदेश में बने उत्पादों की खरीद इन विभागों में पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।
मंत्री ने चेतावनी दी कि अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी इस आदेश की अवहेलना करता है और विदेशी उत्पाद खरीदता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और उक्त सामान की राशि उससे वसूली जाएगी। उन्होंने बुधवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो संदेश के ज़रिए यह जानकारी साझा की।
दिलावर ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान को मजबूती देने के उद्देश्य से लिया गया है। उन्होंने कहा, "इस कदम से भारत में निर्मित वस्तुओं की खपत बढ़ेगी और देश की अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।" अगर किसी विदेशी वस्तु की खरीद अत्यावश्यक हो, तो वह मंत्री स्तर की स्वीकृति के बाद ही की जा सकेगी।
शिक्षा मंत्री ने रक्षाबंधन के अवसर पर चीनी राखियों के बहिष्कार की भी अपील की। उन्होंने कहा, "हमारी बहनें और बेटियां स्वदेशी राखियां खरीदें, जिससे देश के हजारों छोटे उद्यमी और कारीगर आत्मनिर्भर बन सकें। यह सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति कर्तव्य भी है।"
मदन दिलावर ने कहा कि हम रोजमर्रा के जीवन में शेविंग ब्लेड, टूथपेस्ट, ब्रश जैसे विदेशी उत्पादों का अनजाने में उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि हर नागरिक विदेशी वस्तुओं का उपयोग बंद करे और स्वदेशी अपनाए। उन्होंने यह भी कहा कि चीन जैसे देश, जो भारत में उत्पाद बेचकर लाभ कमा रहे हैं, उसका उपयोग पाकिस्तान की मदद में कर रहे हैं — जैसा हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भी देखा गया।
रक्षाबंधन के पावन पर्व के विशेष उपलक्ष्य पर समस्त प्रदेशवासियों के लिए खास संदेश :--- pic.twitter.com/jkOAQOCcNg
— Madan Dilawar (@madandilawar) August 6, 2025