जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सुरक्षा में चूक के मामले को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन गंभीर माना है और जांच शुरू की है।
पायलटों ने मुख्यमंत्री शर्मा का जब चार्टर विमान तयशुदा स्थान की बजाय गलत एयरस्ट्रिप पर उतार था। उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई दोपहर 1:18 बजे को जब मुख्यमंत्री दिल्ली से फलोदी के लिए रवाना हुए थे। उन्हें फाल्कन-2000 चार्टर विमान के माध्यम से फलोदी वायुसेना स्टेशन पर लैंड करना था, लेकिन पायलटों की चूक से विमान शहर की सिविल एयरस्ट्रिप पर उतर गया।
घटना के तुरंत बाद डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार पायलटों ने एयरफोर्स स्टेशन और सिविल एयरस्ट्रिप की समान भौगोलिक बनावट और स्थिति के चलते भ्रम में आकर यह चूक की। जब पायलटों को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने तत्काल विमान को पुनः उड़ाया और करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित वायुसेना स्टेशन पर सुरक्षित उतारा। यहीं से मुख्यमंत्री शर्मा हेलिकॉप्टर के माध्यम से रामदेवरा पहुंचे और बाद में उसी चार्टर विमान से जयपुर लौटे।
चार्टर विमान संचालन कंपनी ने इस गलती को स्वीकार करते हुए कहा है कि यह पूरी तरह से विजुअल कन्फ्यूजन का मामला था। कंपनी की रिपोर्ट मिलने के बाद DGCA ने दोनों पायलटों को तत्काल प्रभाव से उड़ान ड्यूटी से हटा दिया है और विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। यह घटना न केवल सुरक्षा मानकों की गंभीर अनदेखी को दर्शाती है, बल्कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की पुनः समीक्षा की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की चूक राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय वीवीआईपी मूवमेंट में बड़ी सुरक्षा चूक मानी जाती है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। DGCA की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।