जयपुर। जयपुर में टूटी सड़कों और मानसून में जलभराव की गंभीर स्थिति को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान (suo motu cognizance) लेते हुए सख्त टिप्पणी की है। जस्टिस प्रमिल कुमार माथुर की एकलपीठ ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर यह संज्ञान लिया और कहा कि शहर की यह स्थिति गुलाबी नगरी की अंतरराष्ट्रीय छवि और गौरव को क्षति पहुंचा रही है।
हाई कोर्ट ने आदेश में कहा किअब समय आ गया है कि इस पर विचार किया जाए कि क्या जयपुर अपनी सुंदरता और विरासत के लिए जाना जाने वाला गौरवशाली गुलाबी शहर बना रहेगा, या फिर अपनी ही बुनियादी संरचना की समस्याओं के चलते ढहते हुए एक डूबते शहर में बदल जाएगा।"
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और शहरी प्रशासन से जवाब मांगते हुए नोटिस जारी किए हैं। नोटिस मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव (UDH), जेडीसी (जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त), जयपुर नगर निगम हेरिटेज और जयपुर नगर निगम ग्रेटर के आयुक्त को भेजे गए हैं।
हाईकोर्ट ने शहरी आधारभूत संरचना की खराब स्थिति और मानसून में नागरिकों को हो रही असुविधाओं पर गंभीर चिंता जताई है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो जयपुर अपनी ऐतिहासिक और पर्यटक शहर की पहचान खो देगा।
हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि मानसून में शहर की सड़कों के हालात खराब हो रहे हैं। जिससे उसकी विश्वव्यापी इमेज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। हर मानसून में यहां जलभराव, बाढ़ और जल निकासी की समस्या होती है।
जल निकासी की समस्या से रोजमर्रा के जीवन, पर्यावरण के साथ-साथ स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल रहा है। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी समस्या का समाधान करने में विफल हो गए हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि सड़क निर्माण और उसके मेंटेनेंस के लिए पर्याप्त पैसे के आवंटन के बावजूद घटिया और कम गुणवत्ता के मेटेरियल का उपयोग किया जाता है। जिससे करदाताओं के पैसे के इस्तेमाल से बनने वाली सड़क अगले दिन ही क्षतिग्रस्त हो जाती है। यह लापरवाही को दर्शाती है। हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को कहा है कि वे चार सप्ताह में शहर की सड़कों की मरम्मत का समयबद्ध प्लान पेश करे। शहर में जलभराव की स्थिति खत्म करने और सीवरेज समस्या को हल करने की क्या योजना है। इसके साथ ही सड़क निर्माण में घटिया सामग्री और तकनीक अपनाने वाले,सड़क निर्माण के बाद बिना प्रभावी निरीक्षण के ही बिल पास करने वाले अधिकारियों के नाम बताने के निर्देश दिए हैं।