Thursday, 31 July 2025

मुंबई साइबर क्राइम का झांसा देकर अजमेर की बुजुर्ग महिला से ₹80 लाख की ठगी, मुख्य खाताधारक गिरफ्तार


मुंबई साइबर क्राइम का झांसा देकर अजमेर की बुजुर्ग महिला से ₹80 लाख की ठगी, मुख्य खाताधारक गिरफ्तार

जयपुर। साइबर अपराधियों ने मुंबई साइबर क्राइम अधिकारी बनने का झांसा देकर अजमेर की 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला को एक सप्ताह तक मानसिक रूप से डरा-धमका कर ₹80 लाख की भारी-भरकम राशि ठग ली। इस सनसनीखेज ठगी में राजस्थान साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, जयपुर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य खाताधारक सोवन मंडल को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है, जिसके खाते में यह संपूर्ण राशि ट्रांसफर की गई थी।

एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने जानकारी दी कि यह ठगी 23 से 30 नवंबर 2024 के बीच हुई। आरोपियों ने व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए महिला से संपर्क किया और स्वयं को मुंबई साइबर सेल का अधिकारी बताया। उन्होंने पीड़िता को बताया कि वह डिजिटल गिरफ्तारी की प्रक्रिया में हैं और अगर तत्काल ₹80 लाख की धनराशि ट्रांसफर नहीं की गई, तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा।

पीड़िता के भयभीत होने पर उसने आरोपी के बताए बैंक खाते में ₹80 लाख की राशि ट्रांसफर कर दी। मामला जब उजागर हुआ तो अजमेर में दर्ज एफआईआर को राजस्थान साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, जयपुर को ट्रांसफर किया गया। इसके बाद स्पेशल टीम ने रकम के लेन-देन और ट्रांजैक्शन का गहन विश्लेषण किया और पता चला कि पूरी राशि सोवन मंडल निवासी हावड़ा (प. बंगाल) के खाते में गई थी। उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है।

150 से अधिक खातों में हुआ ट्रांसफर, क्रिप्टो में बदल रहे थे पैसा

जांच में सामने आया है कि सोवन मंडल के खाते से यह राशि 150 से अधिक अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। साइबर ठगों ने इस रकम को यूएसडीटी क्रिप्टोकरेंसी में बदलना शुरू कर दिया था, जिससे ट्रेसिंग और रिकवरी मुश्किल हो जाए। टीम ने इन सभी खातों की पहचान का कार्य शुरू कर दिया है।

पहले ही 18 आरोपी गिरफ्तार, बड़ी बरामदगी

इस गिरोह के विरुद्ध की गई पहले की कार्रवाई में 18 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनसे ₹13 लाख नकद, 27 मोबाइल, 43 डेबिट कार्ड, 19 पासबुक, 15 चेकबुक, 16 सिम कार्ड, 13 पैन/आधार कार्ड, 1 लैपटॉप, और 1 स्विफ्ट कार जब्त की जा चुकी है। एसपी सिंह के अनुसार, आरोपी ठगी की कमाई से महंगे शौक और विलासिता की जिंदगी जीते थे।

पुलिस को आशंका है कि यह गिरोह देशभर में कई अन्य साइबर ठगी मामलों में सक्रिय रहा है और जांच के बाद और भी बड़ी साजिशें सामने आ सकती हैं। साइबर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या डिजिटल धमकी से सावधान रहें और ऐसी स्थिति में तुरंत नजदीकी पुलिस थाने या साइबर हेल्पलाइन को सूचित करें।

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