जयपुर शहर में ट्रैफिक दबाव को कम करने के उद्देश्य से वर्ष 2008 में शुरू हुआ बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर अब पूरी तरह से समाप्त किया जा रहा है। लगभग 170 करोड़ रुपए की लागत से बने इस कॉरिडोर को हटाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। सीकर रोड पर कॉरिडोर पूरी तरह से हटा दिया गया है, जबकि अजमेर रोड और न्यू सांगानेर रोड पर हटाने का कार्य प्रगति पर है।
जयपुर विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट और आमजन की असुविधा को देखते हुए सरकार ने कॉरिडोर को हटाने के लिए 30 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। कॉरिडोर हटने के बाद सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी और 3 मीटर से ज्यादा चौड़े डिवाइडर (मीडियन) बनाए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में मेट्रो पिलर लगाने की संभावनाओं को ध्यान में रखा जा सके।
BRTS कॉरिडोर का उद्देश्य विशेष बस संचालन के लिए अलग लेन बनाना था, लेकिन 16 वर्षों तक यह प्रयोग असफल साबित हुआ। बसें अपेक्षित तरीके से नहीं चल सकीं और ट्रैफिक जाम की समस्या और बढ़ गई। इससे अजमेर रोड, सीकर रोड और न्यू सांगानेर रोड पर सड़कें संकरी हो गईं, जिससे आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अब सरकार ने 6 महीनों में इस पूरे कॉरिडोर को हटाने का लक्ष्य तय किया है।