कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर सबसे ज़्यादा ड्राई फ्रूट दूध में डालकर ही क्यों खाए जाते हैं? इसका उत्तर केवल परंपरा, स्वाद या आदत तक सीमित नहीं है — इसके पीछे गहरी वैज्ञानिक, पोषणात्मक और मानसिक समझ है। जब कोई माँ सर्द रातों में अपने बच्चे को बादाम, किशमिश या अखरोट वाला गर्म दूध देती है, तो वो केवल वात्सल्य नहीं बल्कि एक ऊर्जा बूस्टर दे रही होती है जो मस्तिष्क, मांसपेशियों और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
दूध और ड्राई फ्रूट्स जब मिलते हैं, तो यह संयोजन सुपरफूड बन जाता है। दूध में पहले से मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम, और विटामिन्स के साथ जब बादाम (मेमोरी बढ़ाने वाला), अखरोट (ओमेगा-3 से भरपूर), किशमिश (प्राकृतिक मिठास और आयरन स्रोत), काजू (हेल्दी फैट्स), और पिस्ता (इम्यून बूस्टर) मिलते हैं — तब यह पोषण का अद्वितीय मिश्रण बनता है।
यह संयोजन न केवल शरीर को ऊर्जा देता है बल्कि दिमाग को शांति भी प्रदान करता है। दूध में पाया जाने वाला ट्रिप्टोफान अमीनो एसिड मेलाटोनिन बनाने में सहायक होता है जिससे नींद बेहतर होती है। वहीं ड्राई फ्रूट्स न्यूरोट्रांसमिशन को मजबूत बनाकर मानसिक थकावट को भी कम करते हैं।
सर्दियों में यह मिश्रण शरीर को भीतर से गर्म रखता है और सामान्य सर्दी-जुकाम से बचाव करता है। यही कारण है कि कई फिटनेस प्रेमी इसे प्री या पोस्ट वर्कआउट ड्रिंक की तरह अपनाते हैं। यह मसल रिकवरी में मदद करता है, ऊर्जा देता है और मेटाबॉलिज्म को तेज करता है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी यह संयोजन विशेष महत्व रखता है — दूध को सात्विक और ड्राई फ्रूट्स को ओजवर्धक माना गया है। यह शरीर में ओजस बढ़ाता है, यानी बल, तेज और रोग प्रतिरोधकता को।
भारतीय संस्कृति में भी केसर, हल्दी और ड्राई फ्रूट वाला दूध विशेष अवसरों का हिस्सा रहा है — यह स्वाद, स्वास्थ्य और संस्कृति का दुर्लभ संगम है।
डॉ. पीयूष त्रिवेदी, आयुर्वेद विशेषज्ञ एवं शासन सचिवालय, जयपुर के अनुसार, यह केवल परंपरा नहीं, बल्कि आज के वैज्ञानिक युग में भी स्वास्थ्य के लिए एक अत्यावश्यक सुपर-फूड कॉम्बिनेशन है।
डा. पीयूष त्रिवेदी,आयुर्वेद विशेषज्ञ, शासन सचिवालय, जयपुर 📞 9828011871