Wednesday, 23 July 2025

राजस्थान पर्यटन भवन में 24 कैरेट गोल्ड से बनी तीज माता की पेंटिंग, वैदिक कलाकार रामू रामदेव की कलाकृति


राजस्थान पर्यटन भवन में 24 कैरेट गोल्ड से बनी तीज माता की पेंटिंग, वैदिक कलाकार रामू रामदेव की कलाकृति

जयपुर स्थित राजस्थान पर्यटन भवन में तीज माता की शाही सवारी और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों को दर्शाती एक अनूठी श्रृंखला की पेंटिंग्स का निर्माण किया गया है, जिसे 24 कैरेट सोने के वर्क, चांदी और गंगाजल से सजाया गया है। यह भित्तिचित्र श्रृंखला वैदिक कलाकार रामू रामदेव द्वारा तैयार की गई है, जो इस परंपरा के सातवीं पीढ़ी के धरोहरवाहक हैं और वर्तमान में कला एवं संस्कृति विभाग, सिटी पैलेस जयपुर में OSD हैं। इस श्रृंखला को तैयार करने में 8 महीने से अधिक का समय लगा है और इसे राजस्थान की संस्कृति और भव्यता का जीवंत प्रतीक माना जा रहा है।

पर्यटन भवन के स्वागत कक्ष की दीवारों पर 10 से 15 भित्तिचित्र वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ बनाए गए हैं, जिनमें तीज माता की शाही सवारी के साथ भगवान गणेश, आमेर महल, मेहरानगढ़ किला, विजय स्तंभ और डीग पैलेस जैसी प्रमुख धरोहरों को समाविष्ट किया गया है। सामने की दीवार पर आमेर के शीश महल की शैली में बना ठीकरी वर्क भी दर्शकों को आकर्षित कर रहा है। इस पूरी श्रृंखला को 3D एंबोजिंग तकनीक से सजीव रूप देने के लिए पारंपरिक मसाले—स्टोन पाउडर, खड़िया, चौक मिट्टी और पेवड़ी—को फेविकोल में मिलाकर उभारी गई आकृतियों में ढाला गया है। इन पेंटिंग्स की विशेषता यह है कि यह तकनीक 100 वर्षों तक रंगों को फीका नहीं होने देती और बिना दरार पेंटिंग को सुरक्षित रखती है।

रामू रामदेव ने इस अद्भुत कला को अपने पिता अचलेश्वर प्रसाद रामदेव से विरासत में पाया और बताया कि इस प्रोजेक्ट का ड्रॉइंग 2018 में ही तैयार कर लिया गया था, जिसे वे अपने जीवन का "ड्रीम प्रोजेक्ट" मानते हैं। पेंटिंग के प्रत्येक हिस्से में पुराने जयपुर की भव्यता और सांस्कृतिक गौरव की झलक मिलती है। पेंटिंग्स की रक्षा के लिए उन्हें अब कांच के बॉक्स में सील किया गया है। इन पेंटिंग्स के माध्यम से न केवल राजस्थान की धार्मिक परंपरा, बल्कि उसकी अलौकिक कला शैली का भी जीवंत प्रदर्शन हो रहा है।

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