पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि गहलोत साहब ना तो डॉक्टर हैं और ना ही धनखड़ जी के निजी डॉक्टर। ऐसे में उन्हें इस तरह की राजनीतिक बयानबाजी से बचना चाहिए।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने कहा कि जब कोई बड़ा और सम्माननीय व्यक्ति अपनी अस्वस्थता का हवाला देते हुए स्वयं इस्तीफा देता है, तो इस पर अविश्वास करना और राजनीति करना अनुचित है। उन्होंने कहा, "गहलोत साहब को क्या पता धनखड़ जी की स्थिति के बारे में? पूरा देश जानता है कि हाल ही में धनखड़ जी को स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। यहां तक कि एक बार उन्हें भाषण के दौरान बीच में बैठना पड़ा था।"
उन्होंने आगे कहा कि पहला सुख निरोगी काया है। जब कोई अस्वस्थ हो, तो राजनीति करना जरूरी नहीं। स्वस्थ होने के बाद व्यक्ति फिर से सक्रिय राजनीति कर सकता है। गहलोत ने इससे पहले कहा था कि धनखड़ ने बीमारी की वजह से नहीं, बल्कि दबाव में आकर इस्तीफा दिया है।
हम जातिवादी राजनीति नहीं करते – राठौड़
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद बीजेपी जाट समुदाय को कैसे साधेगी, इस सवाल पर मदन राठौड़ ने कहा कि बीजेपी जातिवादी राजनीति नहीं करती। उन्होंने कहा, "हम सर्वसमाज का विकास चाहते हैं और सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं। जाति देखकर किसी को मौका नहीं दिया जाता, बल्कि जो जनता की सेवा करने की योग्यता और इच्छाशक्ति रखता है, उसे ही अवसर मिलता है।"
धर्म और संप्रदाय का सम्मान हमारी प्राथमिकता
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने कहा कि भाजपा सभी धर्मों, जातियों और संप्रदायों का सम्मान करती है। उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों से अपील की कि वे जातिगत या क्षेत्रीय भेदभाव पैदा करने की राजनीति न करें। उन्होंने कहा कि कोई भील प्रदेश या मरू प्रदेश बनाने की बातें कर रहा है, जबकि सभी को मिलकर योग्यता आधारित राजनीति को बढ़ावा देना चाहिए।