राजस्थान के टोंक जिले में स्थित बीसलपुर बांध से गुरुवार को ऐतिहासिक कदम उठाया गया जब जुलाई माह में पहली बार बांध का एक गेट खोलकर बनास नदी में 6000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। देवली-उनियारा विधायक राजेंद्र गुर्जर, जिला प्रमुख सरोज बंसल, जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा की उपस्थिति में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना के बाद शाम 4:56 बजे गेट नंबर 10 को स्काडा सिस्टम के माध्यम से खोला गया।
यह बांध राजस्थान की राजधानी जयपुर समेत अजमेर और टोंक जिलों की जीवनरेखा मानी जाती है, जो लगभग एक करोड़ लोगों को प्रतिदिन 900 से 1000 एमएलडी पेयजल उपलब्ध कराता है। इसके अलावा टोंक जिले की लगभग 81,800 हेक्टेयर भूमि को दो नहरों के माध्यम से सिंचाई जल भी प्रदान करता है।
बांध की भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर तक पहुंच चुकी है और कैचमेंट एरिया में लगातार हो रही बारिश से जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इस अवसर पर अधिशासी अभियंता मनीष बंसल और अधीक्षण अभियंता प्रहलाद राय खोईवाल ने जानकारी दी कि टोंक, अजमेर और जयपुर के लिए 16.2 टीएमसी पानी पेयजल के लिए आरक्षित है, जबकि 8 टीएमसी सिंचाई और 8.15 टीएमसी वाष्पीकरण एवं अन्य उपयोग के लिए रखा गया है।
बीसलपुर नहर प्रणाली में दायीं मुख्य नहर 51 किलोमीटर और बायीं मुख्य नहर 18.65 किलोमीटर लंबी है, जो क्रमशः 69,393 हेक्टेयर और 12,407 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा देती है। जिला कलक्टर ने आमजन से नदी के बहाव क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है। यह कदम आगामी समय में पानी की आवश्यकता और प्रबंधन के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।