राजस्थान की राजनीति में एक समय चर्चित रहे नरेश मीणा, जिन्होंने एसडीएम को थप्पड़ मारने की विवादित घटना को अंजाम दिया था, मंगलवार को खाटूश्यामजी मंदिर पहुंचे और बाबा श्याम के दर्शन किए। दर्शन के दौरान उन्होंने अपने व्यवहार पर अफसोस जताते हुए कहा कि, “जो घटना हुई थी, वह तात्कालिक थी। उस समय की स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण थी। आवेश में आकर वह निर्णय लिया, लेकिन अब मुझे गहरा अफसोस है।”
नरेश मीणा ने कहा कि वे पिछले 20-25 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं और उन्हें अपेक्षा थी कि उन्हें कोई बड़ा पद मिलेगा, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो वे मानसिक रूप से निराश हो गए थे। इस निराशा में वे आध्यात्म की ओर झुके और बाबा श्याम से मार्गदर्शन लेने की कामना की।
मीणा ने बाबा श्याम को चांदी का निशान और छत्र भेंट कर आभार जताया। उन्होंने कहा कि 8 महीने जेल में रहने के बाद, 14 जुलाई को रिहा हुए, और रिहाई के तुरंत बाद उनका पहला संकल्प बाबा श्याम के दरबार में हाजिरी लगाने का था।
उन्होंने यह भी कहा, “मैं जनता का आशीर्वाद लेकर आया हूं। बाबा की कृपा से मुझे जमानत मिली। शायद मैं विधायक बनकर भी ऐसा सब कुछ नहीं कर पाता, जितना आज जनता और बाबा श्याम के आशीर्वाद से मिल रहा है।”
मीणा ने कहा कि वह अब पूरी शक्ति के साथ जनता के हित में काम करना चाहते हैं और उन्होंने बाबा श्याम से संकल्प लिया है कि वह लोगों के दिलों में जगह बनाएं, ना कि विवादों में।