जयपुर। महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिंदी भाषा विवाद पर केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामदास अठावले ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जयपुर दौरे पर मीडिया से बातचीत करते हुए अठावले ने कहा कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों ही बाला साहेब ठाकरे की मूल विचारधारा के विपरीत कार्य कर रहे हैं, और महाराष्ट्र सरकार उनके इस व्यवहार का उचित इलाज करेगी।
अठावले ने कहा कि “मराठी आनी चाहिए, इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन दादागिरी कर किसी को थप्पड़ मार देना यह उचित नहीं है।” उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में 60 प्रतिशत लोग अन्य राज्यों से हैं और उनमें से 40 प्रतिशत भी मराठी भाषा बोलने में सक्षम हैं। ऐसे में मराठी प्रेम के नाम पर हिंसा और दबदबा ठीक नहीं कहा जा सकता।
उन्होंने चेताया कि "अगर कोई दादागिरी करेगा तो उसे दादागिरी में ही जवाब मिलेगा," लेकिन मुंबई की शांति को भंग नहीं होने दिया जाएगा। अठावले ने देवेंद्र फडणवीस सरकार को पूरी तरह सक्षम बताते हुए कहा कि ऐसे किसी भी तत्व को सख्त सबक सिखाया जाएगा।
रामदास अठावले ने शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की सोच का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब उन्होंने पार्टी बनाई थी, तब उन्होंने गुजराती, उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय विंग भी बनाई थी ताकि सभी समुदाय मिलकर काम कर सकें। लेकिन आज के शिवसेना नेता उनके विचारों से भटक गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भविष्य पर, अठावले ने स्पष्ट रूप से कहा कि “हमारी मंशा है कि 2029 तक नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री बने रहना चाहिए।” उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह लोगों को संविधान को बदलने का भय दिखाकर भ्रमित कर रही है, जबकि ऐसा संभव नहीं है। अठावले ने यह भी कहा कि 2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए बहुमत की सरकार बनाई थी, और आज भी जनता उनके साथ है।