Saturday, 12 July 2025

वन नेशन-वन इलेक्शन पर JPC की बैठक, पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने कहा– संविधान के मूल ढांचे को प्रभावित नहीं करता प्रस्ताव


वन नेशन-वन इलेक्शन पर JPC की बैठक, पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने कहा– संविधान के मूल ढांचे को प्रभावित नहीं करता प्रस्ताव

वन नेशन-वन इलेक्शन यानी एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर 129 वें संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की पांचवीं बैठक शुक्रवार को संसद भवन में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.पी. चौधरी ने की। इस अवसर पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर ने समिति के समक्ष अपने कानूनी सुझाव और दृष्टिकोण साझा किए।

पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने का प्रस्ताव संविधान के मूल ढांचे को प्रभावित नहीं करता। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि चुनाव आयोग को दी जाने वाली अतिरिक्त शक्तियों पर संवैधानिक और विधायी बहस की आवश्यकता है। उनका मानना है कि विधानसभाओं के कार्यकाल में कोई भी बदलाव संसद द्वारा किया जाना चाहिए, न कि चुनाव आयोग द्वारा। विधानसभा भंग करने या कार्यकाल टालने जैसे फैसले संसद की अनुमति से ही लिए जाने चाहिए।

JPC की यह बैठक उन 39 सदस्यों की उपस्थिति में हुई, जिनमें भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर, संबित पात्रा, और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी शामिल थीं। समिति का कार्य विधेयक पर विभिन्न विशेषज्ञों, राजनीतिक दलों, और कानूनी विद्वानों से चर्चा कर सरकार को अंतिम सिफारिशें सौंपना है।

जहां एक ओर समिति के समक्ष विधेयक के समर्थन में संवैधानिक तर्क प्रस्तुत किए जा रहे हैं, वहीं कई विपक्षी दल इस बिल के प्रावधानों का कड़ा विरोध कर रहे हैं। एक विपक्षी सांसद ने बैठक के बाद कहा कि यह विधेयक वास्तविक चुनाव सुधारों का विकल्प नहीं हो सकता और इससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं बाधित हो सकती हैं।

वन नेशन-वन इलेक्शन का उद्देश्य देश में सभी स्तरों के चुनाव एक साथ कराकर लागत में कटौती, प्रशासनिक बोझ में कमी, और सत्ताधारी दलों द्वारा बार-बार चुनावों के कारण नीति निर्णयों में देरी से बचाव को लेकर है। परंतु इस पर संवैधानिक संशोधन, राज्यों की सहमति, और सर्वदलीय आम सहमति की आवश्यकता है।

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