राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी द्वारा वर्ष 2018 में स्थापित भारत वाहिनी पार्टी को चुनाव आयोग जल्द ही अपनी पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से बाहर कर सकता है। आयोग के अनुसार, इस पार्टी ने पिछले छह वर्षों में किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया, जिससे उसकी सक्रियता पर सवाल उठने लगे हैं।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भारत वाहिनी पार्टी समेत कुल 9 राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में 15 दिन की समयसीमा के भीतर यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि क्या संबंधित पार्टियों ने अपनी राजनीतिक गतिविधियां बंद या सीमित कर दी हैं।
यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो भारत वाहिनी पार्टी का नाम भारतीय निर्वाचन आयोग की पंजीकृत दलों की सूची से हटाया जा सकता है। यह कदम निर्वाचन आयोग की उस प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें वह निष्क्रिय या गैर-प्रभावी पार्टियों की मान्यता समाप्त कर देता है।
उल्लेखनीय है कि घनश्याम तिवाड़ी, जो कि राजस्थान की राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं, ने 2018 में भाजपा छोड़कर भारत वाहिनी पार्टी बनाई थी। उस समय पार्टी ने कुछ विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशी भी उतारे, लेकिन इसके बाद से पार्टी किसी भी चुनावी गतिविधि में हिस्सा नहीं ले सकी।
अब आयोग की यह कार्यवाही उस राजनैतिक संगठन के अस्तित्व को खतरे में डाल सकती है, जिसे तिवाड़ी ने नए राजनीतिक विकल्प के रूप में पेश किया था।