Friday, 04 July 2025

जयपुर पुलिस ने दो साल से फरार फर्जी सब-इंस्पेक्टर मोना बुगालिया को किया गिरफ्तार


जयपुर पुलिस ने दो साल से फरार फर्जी सब-इंस्पेक्टर मोना बुगालिया को किया गिरफ्तार

जयपुर की शास्त्री नगर थाना पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए दो साल से फरार चल रही फर्जी सब-इंस्पेक्टर मोना बुगालिया को सीकर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मोना उर्फ मूली देवी (28), निवासी नीम्या का बास, नागौर ने राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में फर्जी तरीके से सब-इंस्पेक्टर बनकर दो वर्षों तक रौब जमाया।

SHO महेन्द्र यादव के अनुसार, मोना बुगालिया ने वर्ष 2021 में एसआई भर्ती परीक्षा दी थी, लेकिन असफल रही। इसके बावजूद उसने सोशल मीडिया पर खुद के चयन की झूठी सूचना फैलाई और RPA में फर्जी तरीके से ट्रेनिंग लेने लगी। इस दौरान उसने वर्दी, पुलिस बैज, बेल्ट और आईडी कार्ड का इस्तेमाल करते हुए सैकड़ों लोगों को अपने झांसे में लिया।

मोना न केवल RPA परिसर में अधिकारियों और प्रशिक्षणाधीन पुलिसकर्मियों के साथ तस्वीरें खिंचवाती थी, बल्कि वह व्हाट्सऐप कॉल के जरिए सीकर में लोगों को धमकाने का भी काम कर रही थी। इस फर्जी पहचान को बनाए रखने के लिए वह वरिष्ठ अधिकारियों के लिए निर्धारित विशेष प्रवेश द्वार का उपयोग करती थी, जिससे सामान्य आईडी जांच से बच सके।

वर्ष 2023 में एक शिकायत के आधार पर शास्त्री नगर पुलिस ने उसके किराए के मकान पर दबिश दी, जहां से पुलिस वर्दी, बैज, बेल्ट और फर्जी आईडी बरामद हुए। दबिश की भनक लगते ही मोना फरार हो गई थी और सीकर में एक कोचिंग छात्रा बनकर रह रही थी।

आख़िरकार, एक वॉट्सऐप ग्रुप पर एक सहकर्मी को धमकाने की घटना के बाद मामला उजागर हुआ और जांच में मोना की पहचान का पर्दाफाश हुआ। शिकायत RPA अधिकारियों तक पहुंची और जब रिकॉर्ड खंगाले गए तो मोना का नाम किसी बैच में नहीं पाया गया। उसी के आधार पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी के आदेश दिए गए थे।

जयपुर पुलिस ने सीकर में दबिश देकर मोना को धर दबोचा। अब पुलिस यह जांच कर रही है कि मोना को RPA में प्रवेश, वर्दी और सुविधाएं किसकी मदद से मिलीं। उसके नेटवर्क और सहयोगियों को भी चिन्हित किया जा रहा है।

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