राजस्थान में नकली और घटिया गुणवत्ता की खाद पर लगाम लगाने के लिए कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की अगुवाई में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों पर छापेमारी की गई। इस कार्रवाई में पांच प्रमुख खाद फैक्ट्रियों में गहन जांच-पड़ताल कर कुल 29 सैंपल एकत्र किए गए, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।
छापेमारी के दौरान मावली स्थित ब्लू फास्फेट, पटेल फोस्कैम (खेमली), कोरोमंडेल इंटरनेशनल (उदयपुर), अरावली फास्फेट (उमरड़ा) और प्रेक्षा फास्फेट लिमिटेड में जांच की गई। रॉ मटेरियल और तैयार माल से सैंपल लिए गए तथा रिकॉर्ड संधारण और दस्तावेजों की भी जांच की गई। शुरुआती जांच में इन फैक्ट्रियों में कई अनियमितताएं सामने आई हैं।
कृषि मंत्री ने स्पष्ट कहा कि सैंपल रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि खाद की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई, तो फैक्ट्री मालिकों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा और लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। मंत्री ने चेतावनी दी कि किसानों के साथ धोखा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और खाद की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
यह कार्रवाई राज्य में किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद उपलब्ध कराने और मिलावटखोरी पर नकेल कसने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।