13 जून की सुबह मध्य-पूर्व में युद्ध की आहट सुनाई दी, जब इजराइल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान पर एयरस्ट्राइक कर दी। इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इजराइली फाइटर जेट्स ने तेहरान और आसपास के कम से कम 6 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
इन हमलों में ईरान की कुख्यात इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रमुख कमांडर हुसैन सलामी की मौत हो गई है। वहीं, अल-जजीरा की खबर के अनुसार, दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक – मोहम्मद मेहदी तेहरांची और फेरेदून अब्बासी की भी इन हमलों में मृत्यु हो गई है।
इजराइली सरकार ने दावा किया है कि हमले में ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी, कई अन्य सैन्य कमांडर और वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए हैं। स्ट्राइक को ‘पूर्व-निरोधात्मक रक्षा कदम’ बताया जा रहा है, जिसे प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने “ईरान के लगातार बढ़ते खतरे” के खिलाफ आवश्यक करार दिया।
इस हमले के बाद ईरान की वायुसेना अलर्ट मोड में आ गई है, और तेहरान से लेकर इस्फहान तक एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय कर दिए गए हैं। ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस हमले को "ईरान की संप्रभुता पर हमला" बताया और कड़ी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी हलचल है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, चीन सहित कई देशों ने हालात पर चिंता जताई है। तेल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है और वैश्विक बाज़ारों में उथल-पुथल का माहौल है।