राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 20 दिवसीय कार्यकर्ता विकास वर्ग (प्रथम) में शामिल होने के लिए नागौर आए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान मंगलवार को ‘पंच परिवर्तन’ की अवधारणा को विस्तार से समझाते हुए स्वयंसेवकों से इसे समाज में लागू करने का आह्वान किया।
शारदा बाल निकेतन में आयोजित इस प्रशिक्षण वर्ग में जोधपुर, जयपुर और चित्तौड़गढ़ प्रांतों से आए 40 वर्ष तक की आयु के 284 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। भागवत ने अपने संबोधन में नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन, सामाजिक समरसता, स्वदेशी भावना और कुटुंब प्रबोधन को पंच परिवर्तन के मुख्य स्तंभ बताते हुए कहा कि यदि इन आयामों को जीवनचर्या में उतार लिया जाए तो समाज में सकारात्मक और स्थायी परिवर्तन लाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष में किसी बड़े आयोजन की बजाय गांव-ढाणी स्तर तक शाखाओं के माध्यम से कार्य को ले जाएगा, जिससे हर नागरिक का आचरण और सोच समाज निर्माण में योगदान दे।
भागवत ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत का हिन्दू समाज यदि सशक्त बनेगा, तो विश्व भर के हिन्दुओं को उससे सामर्थ्य मिलेगा। उन्होंने बांग्लादेश सहित अन्य स्थानों पर हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब हिंदू समाज को आत्मरक्षा और सामाजिक नेतृत्व की दिशा में संगठित रूप से आगे बढ़ना होगा।
संघ प्रमुख ने स्पष्ट किया कि जो स्वयं को हिन्दू नहीं मानते, उन्हें भी साथ लेकर चलने की भावना संघ की विचारधारा का हिस्सा है। भागवत बुधवार को नागौर से रवाना होंगे।