राजस्थान के झुंझुनूं जिले के लाल हवलदार इकबाल अली जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में ऑपरेशन रक्षक के दौरान शहीद हो गए। उनकी पार्थिव देह बुधवार देर रात झुंझुनूं जिले के बगड़ स्थित आवास पहुंची। वीर सपूत की शहादत को नमन करने के लिए आज (गुरुवार) सुबह अग्रसेन सर्किल से तिरंगा रैली निकाली जाएगी। अंतिम यात्रा उनके पैतृक गांव लालपुर तक जाएगी, जहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
हवलदार इकबाल अली 21 ग्रेनेडियर्स में तैनात थे और कुपवाड़ा में चल रहे ऑपरेशन रक्षक का हिस्सा थे। मंगलवार को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान उन्होंने शहादत प्राप्त की। वीर हवलदार हाल ही में जुलाई में 20 दिन की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे।
शहीद इकबाल अली ने सोमवार को ही अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों से फोन पर बात की थी। उनके परिवार में पत्नी नसीम बानो, बेटी मायरा और मां जन्नत बानो हैं।
इकबाल अली ने 15 जनवरी 2003 को भारतीय सेना की 21 ग्रेनेडियर्स में भर्ती होकर अपनी सेवा शुरू की थी। कुपवाड़ा से पहले वे कोलकाता के पानागढ़ में तैनात थे और हाल ही में वहां से उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर हुई थी।
हवलदार इकबाल अली की शहादत से पूरे इलाके में शोक की लहर है, लेकिन साथ ही लोग अपने वीर सपूत की शहादत पर गर्व भी कर रहे हैं। तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह को देख हर आंख नम है और अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है।