अजमेर में पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने एक जोरदार प्रेस वार्ता के माध्यम से राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की कार्यशैली और पद की गरिमा पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठने वाले व्यक्ति से निष्पक्षता और गरिमा की अपेक्षा की जाती है, लेकिन देवनानी न केवल इस पद की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं, बल्कि इसे अपने राजनीतिक हितों के लिए उपयोग कर रहे हैं।
राठौड़ ने आरोप लगाया कि देवनानी विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर भाजपा के अंदर की राजनीति में हस्तक्षेप कर रहे हैं और विधानसभा की निष्पक्ष परंपराओं को तोड़ रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित करना, प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द डोटासरा पर अनुपस्थिति में आपत्तिजनक टिप्पणी करना तथा विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष पद से वरिष्ठ नेता नरेंद्र बुढ़ानिया को महज 15 दिन में हटा देना इस बात के प्रमाण हैं कि देवनानी की कार्यशैली पक्षपातपूर्ण है।
राठौड़ ने कहा कि अजमेर के विकास को लेकर देवनानी केवल घोषणाएं करते हैं, धरातल पर कुछ नजर नहीं आता। अजमेर की जलभराव, पेयजल और बिजली समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। दरगाह इलाकों के गरीबों को बेघर करने और उनके अधिकारों को कुचलने के लिए वन विभाग और नगर निगम का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने अस्पतालों की बदहाली, आरजीएचएस योजना की विफलता और भीषण गर्मी में मरीजों की दुर्दशा पर भी चिंता जताई।
राठौड़ ने कहा कि नाज होटल अग्निकांड के बाद नगर निगम की मिलीभगत से बने अवैध होटलों की जांच की आड़ में व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है, जबकि दोषी अधिकारी खुलेआम घूम रहे हैं। अजमेर निगम के परिसीमन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उन्होंने कहा कि यह कदम सत्तापक्ष की मंशा को उजागर करता है।
प्रेस वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और पार्षद भी मौजूद रहे।
राठौड़ ने डिप्टी मेयर नीरज जैन पर कांग्रेस विरोधी आपत्तिजनक पोस्ट करने के मामले में सरकार व पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह भाजपा की दोहरी नीति का परिचायक है। उन्होंने कहा कि जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होती है, वहीं भाजपा नेताओं पर कोई कार्यवाही नहीं होती।
अंत में उन्होंने मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई अशोभनीय टिप्पणी का ज़िक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी भाजपा द्वारा मंत्री को बर्खास्त न करने को भाजपा की महिला विरोधी सोच और असली चेहरे का खुलासा बताया।