भारत सरकार ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए एक व्यापक कूटनीतिक अभियान शुरू किया है। इसके तहत, सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल 22 मई 2025 से अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, कतर और संयुक्त अरब अमीरात सहित विभिन्न देशों की यात्रा करेंगे। इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में विदेशी सरकारों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जानकारी देना है ।
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में 5-6 सांसद शामिल होंगे, जिनमें भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, डीएमके, एनसीपी (एसपी), बीजद, सीपीआई (एम) और एआईएमआईएम जैसे दलों के सदस्य हो सकते हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) इन यात्राओं के लिए सांसदों को आवश्यक जानकारी और समर्थन प्रदान करेगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू इस पहल का समन्वय कर रहे हैं ।
भाजपा की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद अपराजिता सारंगी डेलिगेशन का हिस्सा होंगी। कांग्रेस से शशि थरूर, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद और अमर सिंह शामिल होंगे। NCP(SP) की सुप्रिया सुले और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी सामने आया है।
सांसदों के डेलिगेशन को विदेश भेजने को लेकर केंद्र की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी (इंचार्ज कम्युनिकेशन) जयराम रमेश ने PTI को बताया कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष से बात की है।जयराम रमेश ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत के रुख को समझाने के लिए विदेश में मल्टी पार्टी डेलिगेशन भेजने का फैसला किया है। कांग्रेस इस डेलिगेशन का हिस्सा होगी, क्योंकि वह भाजपा की तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीति नहीं करती।'
इस कूटनीतिक प्रयास का उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के समर्थन को उजागर करना और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति को मजबूत करना है। सरकार का मानना है कि इस तरह की पहल से वैश्विक समुदाय में भारत के प्रति समर्थन बढ़ेगा और पाकिस्तान पर दबाव डाला जा सकेगा।