जयपुर बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में अब पूर्व नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व आईएएस अधिकारी जीएस संधू सहित अन्य आरोपियों की कानूनी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को निर्णय दिया कि 14 मई से इस मामले में प्रतिदिन सुनवाई की जाएगी।
राज्य सरकार ने भी अपना रुख बदलते हुए अब धारीवाल और अन्य के खिलाफ खड़ा होने का फैसला किया है। अदालत में सरकार ने पुनरीक्षण याचिका वापस ले ली, जो इससे पहले केस रद्द करवाने के लिए दायर की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता अशोक पाठक को इस प्रकरण में इंटरवीनर (पक्षकार) बनने की अनुमति दी है।
पाठक की ओर से अधिवक्ता वागीश कुमार सिंह ने तर्क दिया कि यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है और वादी के पास एकल पट्टा से संबंधित प्रमाण मौजूद हैं। इसलिए उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में पक्षकार बनाया जाना चाहिए।
पूर्व में राज्य सरकार ने पुनरीक्षण याचिका के जरिए उस अधीनस्थ अदालत के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें प्रकरण वापस लेने की अनुमति नहीं दी गई थी।
अब सरकार ने खुद कोर्ट से याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी, यह कहते हुए कि जांच में नए तथ्य सामने आए हैं, जिसके चलते सरकार अब केस को वापस नहीं लेना चाहती।
पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, जीएस संधू और अन्य आरोपियों ने कोर्ट में अशोक पाठक को पक्षकार बनाने का विरोध किया। सरकार की पुनरीक्षण याचिका वापस लेने की अनुमति का भी विरोध किया।
लेकिन मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को याचिका जारी रखने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। अन्य पुनरीक्षण याचिकाएं अब भी लंबित हैं।”
अब 14 मई से राजस्थान हाईकोर्ट में इस प्रकरण की प्रतिदिन सुनवाई होगी। चूंकि सरकार अब आरोपियों के खिलाफ खड़ी होगी और अशोक पाठक को भी पक्षकार बनाया गया है, इसलिए यह मामला नई दिशा में जा सकता है।