जयपुर। राजस्थान में पंचायत चुनाव टालने के बाद अब नगर निकाय चुनाव टालने के राज्य सरकार के फैसले को भी राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने जनहित याचिका दायर कर 55 नगरपालिकाओं में चुनाव न कराकर प्रशासक लगाने के निर्णय को असंवैधानिक बताया है। सोमवार को जस्टिस श्रीचंद्रशेखर और जस्टिस आनंद शर्मा की खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता के वकील पुनीत सिंघवी ने दलील दी कि संविधान के 74 वें संशोधन के तहत नगर निकायों को नियमित, निष्पक्ष और समय पर चुनाव कराने का संवैधानिक दर्जा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट भी स्पष्ट कर चुका है कि प्राकृतिक आपदाओं को छोड़कर अन्य किसी कारण से चुनाव नहीं टाले जा सकते। बावजूद इसके, सरकार ने कार्यकाल पूरा होने के पांच माह बाद भी चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू नहीं की और मनमाने तरीके से प्रशासक नियुक्त कर दिए।
सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद पेश हुए। उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार चुनाव कराने को तैयार है और इस संबंध में जल्द विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी। याचिका में आग्रह किया गया है कि सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासकों को असंवैधानिक घोषित कर तुरंत चुनाव की घोषणा की जाए, ताकि नगर निकायों में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकारें कार्य करें।