Friday, 25 April 2025

जल जीवन मिशन घोटाला: पूर्व मंत्री महेश जोशी ईडी द्वारा गिरफ्तार, करोड़ों के टेंडर में फर्जीवाड़े का आरोप


जल जीवन मिशन घोटाला: पूर्व मंत्री महेश जोशी ईडी द्वारा गिरफ्तार, करोड़ों के टेंडर में फर्जीवाड़े का आरोप
हाइलाइट्स
  • पूर्व मंत्री महेश जोशी गिरफ्तार
  • ₹979 करोड़ के टेंडर फर्जीवाड़े का मामला
  • ईडी के पास वित्तीय लेनदेन के पुख्ता सबूत
  • ACB, ED और CBI की संयुक्त जांच

राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व जन स्वास्थ्य अभियंत्रिक मंत्री महेश जोशी को जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission - JJM) घोटाले के सिलसिले में गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। जोशी से ईडी मुख्यालय में दिनभर पूछताछ की गई। कई बार नोटिस देने के बावजूद पेश नहीं होने पर आखिरकार जोशी आज दोपहर 1 बजे अपने निजी सहायक के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे, जिसके बाद उन्हें दस्तावेजों के आधार पर लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया।

क्या है जल जीवन मिशन घोटाला?
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "हर घर जल" के तहत चल रहे जल जीवन मिशन में बड़े स्तर पर टेंडर घोटाले का आरोप है। वर्ष 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के जरिए राजस्थान जलदाय विभाग (PHED) से करोड़ों रुपए के टेंडर हासिल किए।

श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने 68 निविदाओं में भाग लिया, जिनमें से 31 टेंडर एल-1 के रूप में प्राप्त हुए। कुल राशि: ₹859.2 करोड़
श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में भाग लेकर 73 टेंडर में एल-1 के रूप में ₹120.25 करोड़ के टेंडर प्राप्त किए।

जोशी से ईडी ने क्या पूछा?
ईडी की पूछताछ में महेश जोशी से उन दस्तावेजों के बारे में सवाल किए गए जो उन्हें श्री श्याम और श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनियों से जोड़ते हैं। सूत्रों के अनुसार, ईडी के पास जोशी के उन ठेकेदारों के साथ वित्तीय लेन-देन और सिफारिशों से जुड़े सबूत मौजूद हैं जिनके माध्यम से फर्जीवाड़ा कर टेंडर प्राप्त किए गए।

अब तक की जांच:पहले ACB ने जांच शुरू की थी और कई भ्रष्ट अधिकारियों को गिरफ्तार किया।इसके बाद ईडी ने अपनी स्वतंत्र जांच शुरू की और जोशी सहित कई अन्य के ठिकानों पर दबिश दी गई।फिर CBI ने 3 मई 2024 को केस दर्ज किया और ईडी ने 4 मई को अपनी रिपोर्ट और सबूत एसीबी को सौंपे।

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